वेंटिलेटर पर कैथल का सिविल अस्पताल
ललित शर्मा/हप्र
कैथल, 12 दिसंबर
कैथल का जिला सिविल अस्पताल खुद ‘वेंटिलेटर’ पर है। डॉक्टरों की कमी, खराब उपकरण और अधूरी स्वास्थ्य सेवाओं ने यहां आने वाले मरीजों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। नागरिक अस्पताल सहित जिलेभर के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के स्वीकृत 149 पदों में से 92 खाली हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी से गंभीर बीमारियों के इलाज में देरी हो रही है। जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों के 11 पद खाली हैं।
सिविल अस्पताल में 31 वेंटिलेटर हैं। उनमें से 7 खराब हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग पर करीब दो करोड़ रुपये का कर्ज है। यह कर्ज कैथल सहित जींद, पंचकूला व करनाल की मार्केट से खरीदी गई दवाइयों का है। इससे विभाग को मार्केट से दवाइयां खरीदने में परेशानी आ रही है। अस्पताल में पथरी के आपरेशन करने वाली लिथोट्रिप्सी मशीन लंबे समय से खराब पड़ी है।
अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ नहीं है। स्थानीय लोगों रमेश, राजू, राममेहर और मरीजों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही से यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
ऑक्सीजन प्लांट खराब
जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लंबे समय से खराब पड़ा है। ऑक्सीजन सप्लाई के लिए अस्पताल सिलेंडरों पर निर्भर है। कोरोना के दौरान 51 लाख रुपये की लागत से यह ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया था। उस समय दावे किए गए थे कि यह ऑक्सीजन प्लांट आसपास के जिलों में भी ऑक्सीजन की सप्लाई करेगा, लेकिन अब सिविल अस्पताल को ही ऑक्सीजन खरीदनी पड़ रही है।
} डाक्टरों की भर्ती का रिजल्ट घोषित हो चुका है। उम्मीद है कि शीघ्र ही नये डाक्टर मिलेंगे। बेशक सिविल अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद खाली हैं, लेकिन इसके लिए एमबीबीएस डाक्टरों की मदद ली जा रही है। लिथोट्रिप्सी मशीन को ठीक करवाने के लिए थर्ड पार्टी से बात चल रही है। अस्पताल के पास ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है।~