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वीरान हुए दर ओ दीवार, अपनों की तलाश में कुरेद रहे राख

05:00 AM Jun 14, 2025 IST
वीरान हुए दर ओ दीवार  अपनों की तलाश में कुरेद रहे राख
लापता मां के लिए परेशान अनीता। और अपनी बच्ची की फोटो दिखाते रवि ठाकोर । -मानस रंजन भुई
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उज्ज्वल जलाली/ ट्रिन्यू
अहमदाबाद, 13 जून
कोई चला था अपनों से मिलने, किसी को इंतजार था अपनों के आने का। बात इधर की हो या उधर की विमान हादसे में जान गंवाने वालों के दर ओ दीवार वीरान से लग रहे हैं। अब हादसा स्थल पर अपनों की तलाश में लोग राख कुरेद रहे हैं। अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के प्लेन क्रैश से पूरा देश सदमे में है। इसमें अनेक लोगों ने नयी जिंदगी के हसीन सपने संजोये थे। किसे पता था कि सपनों की उड़ान से पहले ही उनके प्राण पखेरू
हो जाएंगे।
यहां हादसे के 24 घंटे बाद भी रवि ठाकोर बदहवास हैं। मेडिकल कॉलेज हॉस्टल की मेस में उनकी मां सरला और बेटी आद्या भी थीं। रवि उन्हें ढूंढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। रोते हुए कहते हैं, ‘मेरी दो साल की बेटी और मेरी मां यहीं थी। मुझे कोई जानकारी नहीं मिली कि उनके साथ क्या हुआ?’
अधूरी रह गयी बेटे-बेटी से मिलने की आस : अहमदाबाद निवासी पिनाकिन शाह और उनकी पत्नी रूपाबेन अपने 30 वर्षीय बेटे रुशाब का वह घर देखने जा रहे थे जिसे उसने हाल ही में स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर में खरीदा था। गृह प्रवेश के साथ-साथ एक खुशी और थी कि लंबे समय बाद यह दंपति अपनी बेटी और दो नातिनों से भी मिलने जा रहा था। सारी खुशियां
धरी रह गयीं।
शादी की तैयारियां मातम में बदली : फ्लाइट अटेंडेंट रोशनी सोंघारे के जीवन में नया अध्याय जुड़ने वाला था, वह अगले साल मर्चेंट नेवी में एक अधिकारी के साथ शादी के बंधन में बंधने वाली थीं। हादसे की खबर ने सोंघारे परिवार को तोड़कर रख दिया है।
दो ही दिन हुए थे शादी को : लंदन में नौकरी ज्वाइन करने के लिए निकले भाविक माहेश्वरी (26) ने दो दिन पहले वडोदरा में कोर्ट मैरिज की थी। भाविक के माता-पिता की योजना थी कि जब बेटा अगली बार भारत आएगा, तो शादी की खुशी में भव्य पार्टी देंगे। अब यह ख्वाहिश कभी पूरी नहीं हो पाएगी। भाविक की प्लेन क्रैश हादसे में मौत हो गई।

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6 माह बाद पति से मिलने जा रही थी अंकिता
अंकिता पटेल अपने पति के साथ नयी जिंदगी शुरू करने के सुहाने सपने के साथ ब्रिटेन के लिए रवाना हुईं थीं। दिसंबर में उनकी शादी हुई थी। शादी के बाद वसंत अंकिता को जल्द पास बुलाने का वादा कर ब्रिटेन चला गया था। अंकिता पिछले 6 महीनों से वीजा प्रक्रिया पूरी करने में व्यस्त थीं। अंकिता के माता-पिता, उसके भाई और वसंत की बहनें उसे विदा करने के लिए हवाई अड्डे आए थे।

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