विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर और कर्मचारी इसके स्तंभ : नायब सैनी
मुख्यमंत्री बुधवार को सेक्टर-26 स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में हरियाणा विधानसभा के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए आयोजित दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम के शुभारंभ पर बोल रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री, विधानसभा के अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण और लोकसभा के संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान की निदेशक जुबी अमर ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
नायब सैनी ने कहा कि हम लोकतंत्र के ऐसे मंदिर में काम करते हैं, जहां प्रदेश के विकास से जुड़े जनहित के निर्णय लिए जाते हैं। इस महत्वपूर्ण संस्थान को सुचारू रूप से संचालित करने में हम सभी की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि आप सभी की निष्ठा, समर्पण ही इस संस्थान की मजबूती और विश्वसनीयता का आधार है। इसलिए हम सभी का आचरण मर्यादित होना चाहिए। हम सभी का लक्ष्य विधानसभा की गरिमा को बनाए रखना है और लोकतंत्र की मजबूती के लिए अपना सहयोग देना है। हमें विधानसभा के कार्यों से संबंधित सभी विषयों की जानकारी होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में कारगर साबित होगा। हम सभी को विकसित भारत के लिए अपनी भूमिका निभानी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में डिजिटल युग है। विधानसभा की कार्यवाही को लाखों लोग वर्चुअल माध्यम से लाइव देखते हैं। वर्चुअल माध्यम से कार्यवाही को देखने वाले लोगों को हमारी कार्यक्षमता की प्रवीणता दिखनी चाहिए।
नायब सैनी ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में हमें केवल व्यक्तिगत विकास ही नहीं करना, बल्कि प्रदेश के हित में कार्य करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करना है।
नागरिक केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को नागरिक केंद्रित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। कानून बनाने की प्रक्रिया कितनी जटिल होती है, यह हम सब जानते हैं। इस जटिल प्रक्रिया को सरल तरीके से लोगों तक पहुंचाने के कार्य में स्वयं को निपुण बनाने में यह कार्यशाला कारगर साबित होगी। स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने कहा कि हमें स्वयं को इसलिए निपुण बनाना है ताकि हम विधानसभा में प्रदेश के पौने तीन करोड़ लोगों की बेहतरी के लिए किए जाने वाले निर्णयों में अपनी महती भूमिका निभा सकें। कार्यशाला में दो दिन में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों का मार्गदर्शन मिलेगा। इससे अधिकारियों व कर्मचारियों की स्किल बढ़ेगी और विधानसभा सचिवालय की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के इस युग में पेपरलेस विधानसभा के कार्य को और मजबूत करने में विधानसभा में कार्य करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी भूमिका निभानी है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी और अधिकारी को और मजबूती प्रदान करने में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम कारगर साबित होगा।