कुरुक्षेत्र, 5 मई (हप्र)आईआईएचएस संस्थान द्वारा प्रकाशित स्थानेश्वर पत्रिका विद्यार्थियों की लेखन प्रतिभा का आईना है जिसमें विद्यार्थियों द्वारा अपने विचार, रचनाएं कविता, कहानी, संस्मरण व अन्य लेख दिए हैं। किसी संस्थान की रचनात्मक एवं साहित्यिक पत्रिका वास्तव में नवोदित युवा प्रतिभाओं को रचनात्मक कार्य में संलग्न करने का एक मूल्यवान साधन होता है।ये विचार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने सोमवार को इंस्ट्टियूट आफ इंटीग्रेटिड एंड आनर्स स्टडीज़ (आईआईएचएस) द्वारा प्रकाशित पत्रिका स्थानेश्वर का विमोचन करते हुए व्यक्त किए। कुलपति ने कहा कि यह पत्रिका अधिक से अधिक विद्यार्थियों के अंदर छिपे रचनात्मक कौशल का विकास करेगी तथा संस्थान की विशिष्ट उपलब्धियों को उजागर करेगी और छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।संस्थान की प्राचार्या डॉ. रीटा ने बताया कि यह पत्रिका संस्थान के कंप्यूटर विभाग के अध्यक्ष डॉ. अश्विनी कुश के मार्गदर्शन में शून्य लागत पर डिजाइन, संपादित और मुद्रित की गई है। यह पत्रिका संस्थान की वेबसाइट पर अपलोड की गई है। इसमें छात्र संपादकों, शिक्षक संपादकों ने योगदान दिया है। यह पत्रिका तीन खंडों में अंग्रेजी, हिंदी और संस्कृत भाषा में है। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पॉल, प्राचार्या डॉ. रीटा व डॉ. अश्विनी कुश मौजूद थे।