वन स्टॉप सेंटर से मिली 44 हजार 478 महिलाओं को मदद
चंडीगढ़, 30 नवंबर (ट्रिन्यू)
घरेलू हिंसा और महिलाओं के उत्पीड़न के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने व्यापक कदम उठाए हैं। ‘महिलाओं का संरक्षण अधिनियम-2005’ के तहत राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को हर जिले में प्रोटेक्शन अधिकारी नियुक्त करने के अधिकार दिए गए हैं। इन अधिकारियों का काम घरेलू हिंसा की शिकायतों पर कार्रवाई सुनिश्चित करना है।
हरियाणा से राज्यसभा सांसद किरण चौधरी के सवाल के जवाब में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने संसद में जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने मिशन शक्ति योजना के तहत देशभर में 870 ‘वन स्टॉप सेंटर’ (ओएससी) स्थापित किए हैं। इनमें महिलाओं को एक ही स्थान पर मेडिकल सहायता, कानूनी परामर्श, मनोवैज्ञानिक मदद और अस्थायी आश्रय जैसी सुविधाएं दी जाती हैं। हरियाणा के 22 जिलों में भी ये सेंटर सक्रिय हैं, जहां अब तक 44,478 महिलाओं ने सहायता प्राप्त की है।
हेल्पलाइन और पुलिस सहायता
महिलाओं के लिए केंद्र की टोल-फ्री हेल्पलाइन 181 पर देशभर की 81 लाख से अधिक महिलाओं ने मदद मांगी है, जिसमें हरियाणा की 21,654 महिलाएं शामिल हैं। आपातकालीन सेवाओं के लिए डायल-112 भी उपलब्ध है। इसके अलावा, देशभर के पुलिस थानों में 13,916 महिला हेल्प डेस्क स्थापित की गई हैं।
निर्भया कोष: ‘निर्भया’ कोष से पुलिस स्टेशनों में महिला हेल्प डेस्क और अधिकारियों की ट्रेनिंग सुनिश्चित की जा रही है। इसके तहत, बीपीआरएंडडी ने हेल्प डेस्क के संचालन के लिए एसओपी भी तैयार की है।