वन मजदूर यूनियन ने सरकार से मांगा न्यूनतम वेतन और स्थायी रोजगार की गारंटी
जींद (जुलाना), 16 मार्च (हप्र)
वन मजदूर यूनियन हरियाणा का पांचवा जिला स्तरीय सम्मेलन रविवार को जींद शहर के मजदूर भवन प्रकाश सिंह लाठर की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। सम्मेलन का उद्घाटन सीटू जिला सचिव कपूर सिंह ने किया, जबकि मंच संचालन सेवा सिंह ने किया। सम्मेलन में आगामी दो साल के लिए 13 सदस्यीय नई कमेटी का चुनाव किया गया। जिसमें बलदेव जिला प्रधान, रामेश्वर जिला सचिव पालेराम को जिला कैशियर चुना सर्वसम्मति से चुना गया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि वन मजदूर देश व प्रदेश के वातावरण को शुद्ध रखने के लिए पेड़-पौधे लगाते हैं और उनकी सुरक्षा करते हैं। लेकिन प्रदेश भर में इन मजदूरों का शोषण होता है। कई साल बीत जाने के बाद भी आज तक न्यूनतम वेतन, रोजगार की गारंटी भी नहीं मिली। सम्मेलन में मांग की गई कि वन मजदूरों की सभी दिक्कतों को दूर करते हुए स्थाई रोजगार का प्रबंध किया जाए।
यूनियन के राज्य प्रधान विजय शर्मा ने कहा कि आज की सरकारों के हमले लगातार मजदूरों पर बढ़ रहे है। महंगाई की मार से वन मजदूर भी अछूता नहीं है। नए श्रम कानूनों में मजदूरों को कोई रियायत नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि भाजपा राज में महिलाओं और किसी भी प्रकार का मजदूर हो उनके खिलाफ अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीटू जिला उपप्रधान रमेश चंद्र ने कहा कि बेहतर आवासीय सुविधाएं न होने की मार सबसे ज्यादा गरीब मजदूर झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सबको आवासीय सुविधाएं उपलब्ध करवाना सरकार का दायित्व हैं, लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही है। शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र का भाजपा सरकार निजीकरण कर रही है। कोरोना काल में नई शिक्षा नीति बनाने और उसे लागू करने से प्रदेश में लड़कियों व मजदूरों के पढ़ने वाले बच्चों के हजारों स्कूल बंद कर दिये गए हैं या बन्द करने की योजना है। उच्च शिक्षा में सेल्फ फाइनेंस लागू होने से महंगी हुई शिक्षा का खासकर लड़कियों और मजदूरों के बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ा है। शिक्षा पर पर्याप्त बजट न होने की मार गरीबों पर अधिक है। सम्मेलन को मनोज, मुकेश, नरेश, मांगेराम, भतेरी, अनीता, सुमन आदि ने भी संबोधित किया।