लेबर कोड्स मजदूरों, कर्मचारियों की गुलामी के दस्तावेज, हड़ताल से देंगे जवाब : सुभाष लांबा
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि केन्द्र सरकार ने पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए 29 श्रम कानूनों को खत्म कर चार लेबर कोड्स बनाने का फैसला किया है। उन्होंने इन लेबर कोड्स को मजदूरों व कर्मचारियों की गुलामी का दस्तावेज बताया और 9 जुलाई की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस हड़ताल के प्रमुख मुद्दों में पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पेंशन बहाली, आठवें पे कमीशन की अधिसूचना जारी करने, ठेका कर्मियों और आंगनबाड़ी, आशा व मिड डे मील वर्करों को नियमित करने, 26 हजार रुपए न्यूनतम वेतन देने,18 महीने के बकाया डीए डीआर को रिलीज करने, निजीकरण पर रोक लगाने, खाली पदों को स्थाई भर्ती से भरने, एनईपी को रद्द करने, सरकारी सहायता प्राप्त कैशलैस मेडिकल सुविधा प्रदान करने आदि शामिल हैं।
वहीं सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने पेंशन बहाली संघर्ष समिति की हड़ताल को लेकर चुप्पी पर हैरानी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि एसकेएस ने समिति को पत्र लिखकर हड़ताल में शामिल होने का आग्रह किया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया है। उन्होंने पेंशन बहाली संधर्ष समिति से चुप्पी तोड़ने और हड़ताल में शामिल होने का आह्वान किया। कर्मचारी सभाओं को किसान मोर्चा के नेता सोहनलाल चौहान, रिटायर्ड कर्मचारी संघ के जिला प्रधान हरिचंद वर्मा, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला प्रधान थान सिंह, एचकेआरएन के नेता रणबीर कौशिक व सचिव प्रह्लाद सिंह, वन कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान परविंदर व डिप्टी जरनल सेक्रेटरी हरेन्द्र देसवाल आदि मौजूद थे।