लेखक मंच समराला ने क्रांतिकारी कवि लाल सिंह 'दिल' को जन्मदिन पर किया याद
नेतर सिंह मुत्तों ने टूटते रिश्तों पर आधारित अपनी कहानी 'मौसम' पढ़ी। अनिल फतेहगढ़ जट्टां ने गीत 'रत्ती रंगिए' के माध्यम से अपनी प्रस्तुति दी। गुरविंदर और अमरिंदर सोहल की ग़ज़लों को श्रोताओं की भरपूर सराहना मिली। बलवंत मांगट का शोधपरक लेख 'जट्ट कौन होते हैं?' चर्चा का विषय बना रहा। सुखविंदर सिंह भादला का गीत भी श्रोताओं को काफी पसंद आया। अमन आज़ाद की खालसा पंथ को समर्पित ग़ज़ल भी प्रशंसा के योग्य रही। शान बगली और अवतार उटालां ने भी अपने-अपने गीतों से उपस्थित लोगों को प्रभावित किया। बैठक में कुछ दिन पहले दिवंगत हुए कहानीकार प्रेम प्रकाश, हरजिंदर सिंह अटवाल, बिहारी लाल सदी, फिल्म अभिनेता मनोज कुमार और रंगमंच अभिनेत्री वीर समरा को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और गहरा दुख प्रकट किया गया।
इस अवसर पर नाटककार राजविंदर समराला, जगदीश खन्ना, हरजिंदर सिंह और एडवोकेट कर्मचंद खन्ना भी मौजूद थे। अंत में प्रधान दलजीत सिंह साही ने सभी मेहमानों का धन्यवाद किया।