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लिंगानुपात में जींद की ‘बादशाहत’ खत्म

04:07 AM May 15, 2025 IST

जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 14 मई
जींद जो कभी लिंगानुपात में प्रदेश में अव्वल था, अब बुरी तरह पिछड़ गया है। जिले के 29 गांव ऐसे हैं, जहां लड़कियों की संख्या 900 से भी कम है। इन गांवों को रेड जोन में रखा गया है और यहां तैनात आशा वर्करों, एएनएम से लेकर सीएचसी व पीएचसी के प्रभारी अधिकारियों तक पर स्वास्थ्य विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
करीब दो साल पहले तक जींद प्रदेश में लिंगानुपात में पहले नंबर पर था। डेढ़ साल तक टॉप पर रहने के बाद अब यह जिला पिछड़ गया है। रेड जोन वाले गांवों ने जींद की साख पर बट्टा लगा दिया है।
प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में लिंगानुपात को लेकर सख्त रुख अपनाया है। खुद मुख्यमंत्री नायब सैनी और अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल इस मुद्दे पर दो टूक कह चुके हैं कि लिंगानुपात सुधारने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। इसके तहत पहली बार विभागीय अमले पर इतनी बड़ी कार्रवाई शुरू हुई है।
नरवाना उपमंडल के दनोदा कलां गांव की सीएचसी प्रभारी डॉ. रजनीश को स्वयं स्वास्थ्य विभाग के एसीएस सुधीर राजपाल ने नोटिस जारी किया है। दनोदा और उससे संबंधित गांवों में गिरते लिंगानुपात को लेकर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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यहां स्थिति चिंताजनक

दबलैन (400), दालमवाला (455), डाहौला टू (467), करसोला (556), काकडोद (571), अलेवा (591), सिंघाना (606), कालवन (615), धरोदी (647), खेड़ा खेमावती (652), उझाना (667), नगूरा वन (680), पटेल नगर (692), ढाकल (714), शामलो कलां (733), गतौली (750), मुआना (781), पतराम नगर (793), पिपलथा (800), हरी नगर (806), काबरछा (818), डिडवाड़ा (833), हाट (842), किलाजफरगढ़ (857), ढाटरथ (857), बधाना (867), थूआ (875), दनोदा कलां (885)—इन गांवों का लिंगानुपात स्वास्थ्य विभाग की चिंता का विषय बन गया है।

लिंगानुपात सुधारने का कर रहे प्रयास : डॉ. पालेराम

जींद में पीएनडीटी के प्रभारी डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. पालेराम कटारिया का कहना है कि जिले का लिंगानुपात सुधर तो रहा है, लेकिन कुछ गांवों का लिंगानुपात काफी खराब है। ऐसे लगभग 29 गांवों में तैनात एएनएम और आशा वर्कर को नोटिस जारी कर खराब लिंगानुपात पर जवाब मांगा गया है। कुछ पर कार्रवाई भी होगी। संबंधित पीएचसी या सीएचसी के प्रभारी को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगे जाएंगे। जिले का लिंगानुपात सुधारने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। खराब लिंगानुपात वाले गांवों में जागरूकता अभियान चलाने के साथ-साथ संबंधित कर्मचारी पर सख्ती भी की जाएगी, ताकि लिंगानुपात में सुधार हो सके।

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