रोहतक, 23 जनवरी (निस)हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन ने प्रदेश सरकार द्वारा 26 जनवरी को रोहतक, हिसार व अन्य कई डिपो से इलेक्ट्रोनिक बसों को चलाने के निर्णय का कड़ा विरोध करते हुए प्राइवेट बसों की जगह सरकारी बसें शामिल करने की मांग की। रोडवेज वर्कर्स की बैठक प्रधान नरेन्द्र दिनोद की अध्यक्षता में हुई। उन्होंने कहा कि एक इलेक्ट्रॉनिक बस के बदले में साधारण छह बसें आती हैं, जो पूरे हरियाणा प्रदेश में सभी डिपो में 50-50 बसें लेने का निर्णय है, अगर उसकी जगह पर साधारण 300-300 बसें प्रत्येक डिपो के बेड़े में शामिल हों तो हरियाणा प्रदेश में लगभग 7200 से अधिक बसें उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि वही एक बस पर छह बेरोजगारों को रोजगार मिलता है। विभाग में दस हजार सरकारी बसें शामिल की जाती हैं तो 60 हजार बेरोजगारों को रोजगार मिलता है और जनता को बेहतर एवं सुरक्षित सेवा मिलती हैं, जबकि 62 रुपए प्रत्येक किलोमीटर के हिसाब से बसें चलाने के निर्णय से जनता पर महंगे किराये के साथ साथ विभाग को भी घाटे का सामना करना होगा। उन्होंने प्रदेश सरकार व परिवहन मंत्री से रोडवेज के बेड़े में प्राइवेट किलोमीटर स्कीम की बसे नहीं लाकर सरकारी बसें शामिल करने की मांग की। इस अवसर पर सुमेर सिवाच, सुशील ईकश, शिवकुमार सयोराण, रमेश श्योकंद, जयकुंवार दहिया, सतबीर मुडाल प्रमुख रूप से मौजूद रहे।