भिवानी, 9 जुलाई (हप्र) सतगुरु कंवर साहेब महाराज ने दिनोद धाम स्थित राधास्वामी आश्रम में कहा कि परमात्मा और सेवक व गुरु व शिष्य का नाता रूहानी होता है। यह नाता प्रेम का नाता है। प्रेम भी वो जो दिखावटी नहीं होता। प्रेम करना आसान नहीं है। प्रेम तभी होगा जब पूर्ण समर्पण होगा। प्रेम दुनियादारी का मोहताज नहीं है। कितने ऐसे प्रकरण है जब प्रभु के प्रेम में लोगों ने धन संपत्ति कुटुंब कबीला तन मन सब बिसार दिया।उन्होंने उपस्थित सेवादारों को फरमाया कि गुरु प्रेमियों, गुरु भक्ति करने वाले के लिए गुरु पूर्णिमा से बड़ा कोई पर्व नहीं है, क्योंकि गुरु भक्त गुरु को ही परमात्मा मानते हैं। परमात्मा वाला गुण सतगुरु में भी है। परमात्मा का नूरी रूप देखने के लिए सतगुरु को स्थूल रूप से प्रेम करना होगा।