रिहायशी इलाकों में पहले से बने कमर्शियल भवन होंगे वैध
08:45 AM Sep 19, 2023 IST
चंडीगढ़, 18 सितंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा के रिहायशी इलाकों में जो लोग कमर्शियल बिल्डिंग बना चुके हैं, उन्हें मान्यता देने के लिए प्रदेश सरकार पॉलिसी बना रही है। हालांकि, यह पॉलिसी केवल पहले से बन चुके भवनों पर लागू होगी। अगर कोई रिहायशी इलाकों में नया निर्माण करता है तो उसे नोटिस दिया जाएगा। ऐसे भवनों को शहरी स्थानीय निकाय विभाग गिराने का भी काम करेगा। पॉलिसी बनाने के लिए निकाय विभाग को निर्देश दिए जा चुके हैं।
दूसरी ओर, राज्यभर में 1500 से अधिक अनियमित कालोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया पर विभाग तेजी से काम कर रहा है। प्रदेश के अधिकांश शहरों के रिहायशी इलाकों में लोगों ने कमर्शियल गतिविधियां शुरू की हुई हैं। कई कालोनियों में बड़े-बड़े शोरूम बने हुए हैं। दुकानों की संख्या की तो गिनती ही नहीं है। अब इन दुकानों व शोरूम को तोड़ पाना सरकार के लिए संभव नहीं है।
ऐसे में सरकार इन्हें नियमित करने के लिए पॉलिसी बना रही है। कई शहरों में रिहायशी इलाकों में लोगों ने अस्पताल, लैब शुरू की हुई हैं। माना जा रहा है कि नियमित करने के लिए सरकार फीस तय कर सकती है। यह फीस जमा करवाने के लिए संबंधित लोग रिहायशी एरिया को कमर्शियल में बदलवा सकेंगे। इसके बाद उन पर लटकी तलवार हट जाएगी। भविष्य में इस तरह की गतिविधियां न हों और रिहायशी कालोनियों में दुकान, शोरूम आदि न बनें, इसके लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण तथा शहरी स्थानीय निकाय विभाग को सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं।
इससे पहले सरकार निकायों- नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं के अलावा नगर सुधार मंडल के अंतर्गत आने वाली उस प्रॉपर्टी का मालिकाना हक कब्जाधारियों को दे चुकी है, जो संबंधित प्रॉपर्टी पर 20 वर्ष या इससे अधिक समय से काबिज हैं। इतना ही नहीं, निकायों के लिए शुरू की गई स्वामित्व योजना के कामयाब होने के बाद सरकार ने इस नीति का विस्तार कर दिया है।
अब शहरों में उन सभी लोगों को मालिकाना हक दिया जाएगा, जो विभिन्न विभागों की सरकारी जमीन पर बरसों से किराये पर हैं। सरकार ने तय किया है कि जिन लोगों का संबंधित प्रॉपर्टी पर 20 साल से पुराना कब्जा है, उन्हें मालिकाना हक दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें कलेक्टर रेट के हिसाब से पैसा संबंधित विभाग को देना होगा।
नियमित होंगी 1500 कालोनियां
पिछले दिनों मुख्यमंत्री टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग तथा शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अंतर्गत आने वाली 450 अनियमित कालोनियों को नियमित कर चुके हैं। इन कालोनियों में विकास कार्य अब सरकार करवाएगी। कालोनी में रहने वाले लोगों को विकास शुल्क देना होगा। कलेक्टर रेट का 5 प्रतिशत विकास शुल्क तय किया हुआ है। यह पैसा आने के बाद सरकार इन कालोनियों में बिजली-पानी, सीवरेज व सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं देगी। इसी कड़ी में 1500 से अधिक और ऐसी अनियमित कालोनियां हैं, जिन्हें नियमित करने की प्रक्रिया दोनों विभाग शुरू कर चुके हैं।
शहरों के रेजिडेंशियल इलाकों में जिन लोगों ने कमर्शियल बिल्डिंग व शोरूम बनाए हुए हैं उनके लिए सरकार जल्द एक पॉलिसी लेकर आएगी। इसके तहत उन रेजिडेंशियल इलाकों में जो इलाका कमर्शियल हो चुका है, उस इलाके को कमर्शियल कर दिया जाएगा। जहां अभी रेजिडेंशियल इलाकों को कर्मिशयल किया जा रहा है, उन्हें नोटिस जारी होंगे। इसके बाद भी कोई नहीं मानेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री
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