राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी : विद्यार्थियों को रचनात्मक समस्याओं को हल करने के लिए किया प्रेरित
सोनीपत, 29 दिसंबर (हप्र)
हरियाणा खेल विश्वविद्यालय राई में चल रही 51वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी के चौथे दिन का समापन सत्र विद्यार्थियों को शैक्षणिक व व्यक्तिगत जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करने वाला रहा। एससीईआरटी गुरुग्राम के संयुक्त निदेशक सुनील बजाज ने ‘ग्रोथ माइंडसेट डेवलपमेंट’ पर सत्र आयोजित किया।
उन्होंने पहेलियों व अंतर सक्रिय (इंटरेक्टिव) गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को आलोचनात्मक सोच व रचनात्मक समस्याओं को हल करने के लिए प्रेरित किया।
रविवार को सोनीपत, गुरुग्राम, झज्जर, फरीदाबाद, अंबाला, पलवल व जींद जिलों से पहुंचे 8500 विद्यार्थी प्रदर्शनी में पहुंचे। प्रदर्शनी में 28 राज्यों से आए 400 युवा विज्ञान प्रदर्शकों ने मानव जीवन की जटिलताओं को दूर करने वाले मॉडल प्रस्तुत किए। दिन की शुरुआत में डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ बायो-एनर्जी रिसर्च के वैज्ञानिक डॉ. अतुल ग्रोवर के
‘कंप्यूटेशनल थिंकिंग-द एल्गोरिदमिक वल्र्ड -फ्रॉम डार्विनिज्म टू डेटियाजम’ पर व्याख्यान दिया। उन्होंने डेटा-संचालित निर्णय लेने के बढ़ते प्रभाव, एआई-चालित दुनिया में नैतिक चिंताओं व स्मार्ट डिवाइस पर मानव निर्भरता के खतरों पर चर्चा की। एनआईटी कुरुक्षेत्र के प्रो. यशचंद्र द्विवेदी की विज्ञान वार्ता ‘आधुनिक खेती में लेजर प्रौद्योगिकी का उपयोग’ पर केंद्रित रही। जिला विज्ञान विशेषज्ञ सुरेंद्र सिंह के निर्देश में विज्ञान प्रश्नोत्तरी आयोजित की गई। जिसमें नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों ने अपने बौद्धिक ज्ञान का परिचय दिया।
यह मॉडल रहे आकर्षण का केंद्र
जैन गर्ल्स इंटर कॉलेज अलीगढ़, उत्तर प्रदेश की तृप्ति शर्मा ने शिक्षक उदय सिंह के सहयोग से धुएं की ऊष्मा ऊर्जा को बिजली में बदलने की प्रणाली का प्रदर्शन किया। कर्नाटक के संभोटा तिब्बत स्कूल के तेनजिन डोधोन, तेनजिंग डिक्की व तेनजिन त्सेपकाल ने दरवाजों के कारण उंगलियों की चोटों को रोकने के लिए मॉडल प्रस्तुत किया है। यह बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। डिमॉन्स्ट्रेशन मल्टीपर्पज स्कूल, भुवनेश्वर के एसके सफिउर रहमान और उनकी टीम ने अल्गी से बिजली बनाने का मॉडल पेश किया। इसमें जैव-ईंधन में बदलने के लिए फोटो सिंथेटिक शैवाल का उपयोग किया। उत्तराखंड के राजकीय इंटर कॉलेज के रोहित कुमार ने इस परियोजना से प्लेटफार्मों के बीच एक स्वचालित ब्रिज बनाया है, जो वृद्ध व विकलांग यात्रियों के लिए सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित करता है। मॉडल में सेंसर व एलईडी संकेतों का उपयोग किया गया है, जो सुरक्षा और पहुंच को बढ़ावा देता है। केरल से अहमद निब्रास और मोहम्मद शमिल सिदीक ने बहुउद्देशीय ट्रक बनाया है। यह पांच वाहनों को एक में संयोजित करता है। यह खुदाई करने वाले, क्रेन, डंप ट्रक, पेड़ काटने वाली मशीन व पानी के छिड़काव के रूप में कार्य कर सकता है।