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रामप्रस्थ डेवलपर्स के कार्यालय के बाहर प्लॉट खरीदारों ने किया प्रदर्शन

06:00 AM Apr 03, 2025 IST
गुरुग्राम में बुधवार को रामप्रस्थ डेवलपर्स के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते प्लॉट खरीदार। -हप्र
गुरुग्राम, 2 अप्रैल (हप्र)रामप्रस्थ सिटी के प्लॉट खरीदारों ने अपने परिजनों के साथ मिलकर सेक्टर-44 में रामप्रस्थ डेवलपर्स के कार्यालय के बाहर बुधवार को प्रदर्शन किया। लोगों ने कहा कि रामप्रस्थ डेवलपर्स ने गुरुग्राम के रामप्रस्थ सिटी के लिए एक दशक पहले प्लॉट बुक किए थे। अभी तक उन्हें प्लॉट आवंटित नहीं किए गए और न ही कोई जवाब दिया जा रहा। डेवलपर्स ने उनके साथ धोखाधड़ी की है। विभिन्न कंपनियों के अंतर्गत आने वाले रामप्रस्थ समूह ने 2006 से 2017 के बीच रामप्रस्थ सिटी गुरुग्राम में 200 वर्ग गज से लेकर 600 वर्ग गज तक के प्लॉट बुक किए थे। बहुत से खरीदारों ने रामप्रस्थ समूह कंपनियों द्वारा मांगी कीमत का भुगतान करने के बाद प्लॉट बुक किए थे। कंपनियों ने संबंधित प्लॉट के लिए पूर्ण भुगतान की रसीद जारी की।

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रामप्रस्थ एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय जियान ने बताया कि कुछ खरीदारों को सेक्टर-92, 93, 95 और सेक्टर-37सी एंड डी, रामप्रस्थ सिटी, गुरुग्राम में प्लॉट के आवंटन के लिए प्रारंभिक आवंटन पत्र जारी किए गए। कंपनी ने कुछ आवंटियों को मेल का जवाब भी दिया कि वे हरेरा की मंजूरी के बाद सेक्टर-37 सी एंड डी में प्लॉट आवंटित करेंगे। एडवोकेट गर्वित गुप्ता ने कहा कि हाल ही में हरेरा में सुनवाई के दौरान डेवलपर ने फिर से झूठे वादे किए, जिसमें प्लॉट के बदले ब्याज समेत पैसे वापस करने की बात शामिल थी। जिसे प्लॉट खरीदारों ने ठुकरा दिया। डेवलपर ने अभी भी प्लॉट बेचना जारी रखा है और खरीदारों को ठग रहा है।

एसोसिएशन के उपाध्यक्ष संजय अरोड़ा ने कहा कि एक दशक से अधिक समय (कुछ मामलों में 19 साल) के बाद कंपनियों के निदेशकों और रामप्रस्थ समूह के अध्यक्ष बलवंत सिंह चौधरी के साथ मिलने के बाद आज तक प्लॉट के आवंटन के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। कंपनियों ने सेक्टरों में भूखंडों के सीमांकन के बाद खरीदारों को प्लॉट नंबर नहीं दिए और अंतिम आवंटन पत्र जारी नहीं किए। आज तक साइट पर विकास कार्य शुरू नहीं हुए। कंपनियां किसी न किसी बहाने से आवंटन में देरी कर रही और खरीदारों को प्लॉट का कब्जा सौंप रही हैं। सचिव महेंद्र मल्होत्रा ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ-साथ संबंधित अधिकारियों को हस्तक्षेप के लिए पत्र लिखा है, ताकि कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

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