रजिस्टर्ड सब्जी विक्रेताओं की हड़ताल शुरू, दिया धरना
बहादुरगढ़, 9 जुलाई (निस)
मंडी से अवैध सब्जी विक्रेताओं को हटाने सहित अन्य मांगों को लेकर बुधवार को रजिस्टर्ड सब्जी विक्रेताओं ने अनिश्चतकालीन हड़ताल शुरू कर दी और अपना रोष जताया। इन विक्रेताओं ने धरना दिया और जमकर नारेबाजी की। साथ ही अधिकारियों से अवैध विक्रेताओं को हटाने व मंडी में व्याप्त समस्याओं के समाधान की मांग उठाई। हड़ताल के चलते मंडी सब्जियों की खरीद फरोख्त पूरी तरह से बंद रही। दरअसल, बहादुरगढ़ में सब्जी विक्रेताओं और किसानों के लिए 2 शेड हैं। पिछले कुछ समय से किसान शेड में भी फुटकर सब्जियां बेची जा रही हैं। इस वजह से रजिस्टर्ड विक्रेताओं का काम प्रभावित है और वे इन दुकानदारों को हटाने की मांग कर रहे हैं। पंजीकृत विक्रेताओं ने बुधवार को मंडी में काम बंद कर हड़ताल शुरू कर दी। मांसाखोर शेड सूना नजर आया, हालांकि किसान शेड के आसपास लगी दुकानों पर बिक्री जरूर हुई। प्रदीप, बलवान, ओमप्रकाश आदि ने कहा कि पंजीकृत विक्रेता 2008 से किराया देकर काम कर रहे हैं। मांसाखोर शेड से पहले किसान शेड है। वहां 80 से अधिक अवैध दुकानें लग रही हैं। जिनकी वजह से एक तरफ तो पंजीकृत सब्जी विक्रेताओं का काम प्रभावित हो है, तो वहीं दूसरी तरफ सरकार को रेवेन्यू का नुकसान भी हो रहा है। कई बार शिकायतें की हैं लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही। उन्होंने मार्केट कमेटी के अधिकारियों और आढ़तियों पर भी अवैध काम के लिए मिलीभगत करने के आरोप लगाए हैं। पंजीकृत विक्रेताओं ने कहा कि इस अव्यवस्था के कारण मांसाखोर शेड तक उपभोक्ता नहीं पहुंच पाते। हमारे सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है। पंजीकृत दुकानदारों को छोडक़र अन्य अवैध विक्रेताओं को बाहर किया जाए। इसके अलावा जो साथी गुजर चुके हैं, उनके बच्चों को काम करने की अनुमति दी जाए। साथ ही मंडी में निकासी की व्यवस्था दुरुस्त की जाए। जब तक मांग पूरी नहीं होगी, हड़ताल जारी रहेगी।