यौन शोषण मामले में एसआईटी ने डीजीपी को सौंपी जांच रिपोर्ट
चंडीगढ़, 10 जनवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा के एक आईपीएस अधिकारी पर महिला पुलिस कर्मियों के यौन शोषण के लगे आरोपों की जांच पूरी हो गई है। एसआईटी ने जांच रिपोर्ट पुलिस महानिदेशक को सौंप दी है। हरियाणा राज्य महिला आयोग ने यौन शोषण के आरोपों पर संज्ञान लेते हुए पुलिस पर एसआईटी गठित करने का दबाव बनाया था। हालांकि रिपोर्ट की प्रति महिला आयोग की चेयपर्सन रेणु भाटिया को नहीं मिली है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाल ही में रेणु भाटिया का कार्यकाल बढ़ाया है।
रेणु भाटिया ने ही एसआईटी की रिपोर्ट डीजीपी को सौंपे जाने की पुष्टि की है। रेणु भाटिया पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों पर यौन शोषण के आरोपी आईपीएस अधिकारी को बचाने का आरोप लगा चुकी है। उन्हें इस बात पर भी आपत्ति है कि आरोपी आईपीएस अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई। हालांकि पुलिस सामान्य मामलों में पहले एफआइआर दर्ज करती है और फिर जांच करती है। जांच पूरी होने के बाद निर्दोष होने के मामले में ऐसी किसी भी एफआईआर को रद करने में पुलिस प्रभावित लोगों के जमकर चक्कर कटवाती है।
चार दिसंबर को फरीदाबाद के सेक्टर 12 स्थित लघु सचिवालय में महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने कहा था कि महिला पुलिसकर्मियों के यौन शोषण मामले में पुलिस विभाग के बड़े अधिकारी आरोपी आईपीएस का पक्ष ले रहे हैं। तथ्य होने के बाद भी आईपीएस का बचाव करते हुए आठ महिला कर्मियों के यौन शोषण मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। इस मामले में जींद के सिविल लाइन थाने में दो एफआइआर दर्ज हैं। एक रिपोर्ट यौन शोषण के आरोप में दर्ज है, जबकि दूसरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को लिखे पत्र को वायरल करने के आरोप में यू-ट्यूबर के खिलाफ दर्ज है।
महिला पुलिसकर्मियों के यौन शोषण के आरोपों की अब तीन स्तर पर जांच की जा रही थी। महिला आयोग की टीम के साथ-साथ दो आईपीएस अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे थे। फतेहाबाद की महिला आईपीएस अधिकारी आस्था मोदी और एडीजीपी ममता सिंह भी जांच कर रही थीं। इसके अलावा एसआईटी जांच भी की गई है। हिसार एसपी के नेतृत्व में एसआईटी जांच के लिए टीम बनाई गई थी। 26 अक्तूबर 2024 को हरियाणा में एक आईपीएस आफिसर पर महिला पुलिसकर्मियों ने यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे।