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ये त्रिकालद्रष्टा सब कुछ जानता है

04:00 AM Dec 10, 2024 IST
ये त्रिकालद्रष्टा सब कुछ जानता है
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आलोक पुराणिक

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गूगल वालों ने मुझे बताया कि आप पिछले महीने यहां-यहां जा चुके हैं। पूरी जानकारियां देते हुए गूगल ने बताया कि आप यहां-यहां इस-इस दिन गये थे। इस तरह की जानकारियां बहुत खतरनाक हैं। मेरे मित्र घर पर बताते हैं कि वह परम जरूरी मीटिंग में जा रहे हैं, फिर वह शराब के ठेके पर चले जाते हैं। शराब के ठेकों पर उन्होंने कब विजिट किया, कितनी बार विजिट किया, यह बात उनकी मां नहीं जानती, उनकी पत्नी नहीं जानती, पर गूगल को यह सारी बातें पता हैं।
गूगल को बहुत कुछ पता है। गूगल को सब कुछ पता है। गूगल मांओं की मां है, बापों का बाप है, दादाओं का दादा है, गूगल सब जानता है। गूगल की कई सेवाएं मुफ्त हैं, कई सेवाओं के लिए गूगल को पैसे देने होते हैं। गूगल कई जानकारियां दिखाने के पैसे लेता है, मुझे लगता है कि वक्त वह आने वाला है जब गूगल वाले जानकारियां न दिखाने के भी पैसे मांगा करेंगे।
मेरे शराबी मित्र से इस बात के पैसे मांगे जा सकते हैं कि इतने रुपये हर महीने दो, वरना घर पर बता देंगे, उसकी पत्नी के ईमेल पर बता देंगे कि ये भाई साहब इस-इस तारीख को इस-इस शराब के ठेके पर गये थे। इस आशय के नक्शे अगर पत्नी के साथ शेयर कर दिये जायें, तो बड़े से बड़े शराबी की नशेबाजी ढीली हो सकती है। गूगल सब कुछ जानता है। ज्ञान ताकत देता है, दूसरों से जुड़ा ज्ञान अगर आपको मिल जाये, तो आपको ताकत मिल सकती है, वह बंदा कमजोर हो सकता है।
झूठ बोलना मुश्किल कर रहा है गूगल। बिना झूठ के जिंदगी बहुत ही टेंशनवाली हो जायेगी। गूगल को अब इतना ज्यादा पता लग गया है कि हमारी जिंदगी का कुछ भी उससे छूटा नहीं है। कौन-सी फ्लाइट में हम जा रहे हैं, यह गूगल को पता है क्योंकि फ्लाइट का टिकट गूगल की ईमेल में होता है। कौन-सा सिनेमा देखने हम जा रहे हैं, यह बात गूगल को पता हो सकती है क्योंकि सिनेमा का टिकट गूगल की ईमेल में होता है।
सब कुछ तो गूगल के पास है। आखिर अब बचा क्या है, जो गूगल की निगाहों से बच गया हो।
पिछले संडे मैं घर पर था। घर पर खाली देखकर घरवालों ने काम लगा दिये कि रजाई निकालो, उन्हें धूप में डालो, फिर बाजार से सब्जी लाओ, फिर, मैंने कहा कि बहुत जरूरी काम से जाना पड़ रहा है। फिर पार्क में जाकर मैं धूप में सो गया। अब घर वाले गूगल मैप्स से देखकर पता लगा सकते हैं कि यह किसी काम से न गया था, यह तो पास के पार्क में जाकर सो गया था। क्या गति होगी मेरी, मतलब क्या दुर्गति होगी मेरी।

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