नयी दिल्ली, 28 फरवरी (एजेंसी)सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के एक मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान करने के कुछ दिनों बाद एक व्यक्ति के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज करने को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि पुलिस ने उसके दो जनवरी के अंतरिम जमानत आदेश को विफल करने के इरादे से यूएपीए का आरोप जोड़ा है। इसके बाद शीर्ष अदालत ने आरोपी व्यक्ति को जमानत दे दी। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने शुक्रवार को कहा, ‘इस तथ्य पर विचार करते हुए कि यह स्पष्ट है कि अपीलकर्ता को केवल दो जनवरी के आदेश को विफल करने के लिए गिरफ्तार किया गया था, अपीलकर्ता उक्त मामले में जमानत पाने का हकदार है। अपील स्वीकार की जाती है। अपीलकर्ता को जमानत पर रिहा किया जाए।' शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा, ‘पुलिस द्वारा अपीलकर्ता के विरुद्ध यह जल्दबाजी पूर्ण कार्रवाई यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि उसे हिरासत में लिया जाए तथा दो जनवरी का अंतरिम आदेश निरस्त हो जाए।' पीठ ने इसे 'घोर अनुचितता' करार देते हुए पुलिस अधिकारी के आचरण की निंदा की तथा अदालती आदेश का उल्लंघन करने के लिए उसे अवमानना की चेतावनी दी।