यमुनानगर जिले को मलेरिया फ्री करने में जुटा स्वास्थ्य विभाग
अरविंद शर्मा/हप्र
जगाधरी, 19 मार्च
मलेरिया के संपूर्ण खात्मे को लेकर स्वास्थ्य विभाग संजीदगी से जुटा है। विभाग ने जिले को अगले दो वर्ष के अंदर मलेरिया फ्री करने की तैयारियां अभी से शुरू कर दी है। इसके साथ ही विभाग डेंगू के केसों में कमी लाने के लिए विशेष अभियान चलाएगा। मलेरिया के उच्च जोखिम वाले इलाकों में विभाग की पैनी नजर रहेगी। यहां पर विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाया जाएगा। ऐसे इलाकों में विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। यहां पर ज्यादा ब्लड सैंपलिंग का काम होगा। जानकारी के अनुसार सरकार ने प्रदेश को 2027 तक मलेरिया मुक्त करने का लक्षय रखा है। विभाग के प्रयासों का असर भी दिख रहा है।
बता दें बीते दो वर्षों से जिले में मलेरिया का सिर्फ तीन ही केस मिले हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार वर्ष 2024 में ही जिला मलेरिया मुक्त हो जाता, लेकिन लोकसभा चुनाव ड्यूटी में दूसरे राज्य से आए सीआरपीएफ का जवान मलेरिया से ग्रस्त हो गया था। बताया जाता है कि यह जवान पुलिस लाइन जगाधरी में ठहरा था।
जिले को मलेरिया मुक्त करने और डेंगू पर अंकुश लगाने के लिए आशा वर्कर्स पर भी बड़ी जिम्मेदारी होगी। इसकी वजह जिले में एमपीएचडब्ल्यू के 130 में से 110 पद खाली पड़े हैं। जिले में 937 आशा वर्कर है। इसके लिए आशा वर्कर घर-घर जाकर संदिग्ध मरीजों के रक्त की स्लाइड बनाई जाएंगी, जिनकी जांच स्वास्थ्य विभाग की लैब में की जाएगी। बताया जाता है कि प्रति स्लाइड आशा वर्करों को भुगतान किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 में 3, 2021 में 4, 2022 में 1, 2023 में 1 व 2024 में मलेरिया के दो मरीज मिले।
एक लाख लोगों के रक्त की स्लाइड बनाने का लक्ष्य : डीएमओ
जिला मलेरिया अधिकारी डा. सुशीला सैनी का कहना है कि इस साल करीब एक लाख लोगों के रक्त की स्लाइड बनाने का लक्ष्य रखा गया है। बीते साल 109033 स्लाइड बनाकर जांच की गई थी। उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में मलेरिया व डेंगू के केस ज्यादा मिलने की संभावना रहती है, वहां पर पैनी नजर विभाग द्वारा रखी जाएगी।