मोडी में पंचायती जमीन पर चल रहा आश्रम कराया खाली
सुनील दीक्षित/निस
कनीना, 2 अप्रैल
कनीना सब डिवीजन के गांव मोडी स्थित पंचायती जमींन पर बने तत्कालीन स्कूल भवन में पिछले करीब 5 साल पूर्व गांव के ही व्यक्ति द्वारा शांतिकुंज बेसहारा आश्रम के नाम से कब्जा किया हुआ था, जिसे बुधवार सुबह 11 बजे ड्यूटी मजिस्टेट की मौजूदगी में फायर ब्रिगेड व एंबुलेंस समेत भारी पुलिस के साथ खाली करवा दिया गया। प्रशासनिक कार्रवाई की भनक लगने पर आश्रम संचालक पवन कुमार ने यहां से 37 व्यक्तियों को मंगलवार को ही झज्जर स्थित आश्रम में भेज दिया था।
आश्रम में रखे सामान को बाहर निकाल कर ग्राम पंचायत की ओर से ताला लगा दिया गया, जहां ई-लाईब्रेरी व ओपन जिम खोला जायेगा। उसमें रखे सामान को आश्रम संचालक पवन कुमार अपने घर ले गया। ग्रामीणों ने कहा कि इस आश्रम में कहने को तो वृद्ध एवं बेसहारा व्यक्तियों को रखा जाता था, लेकिन उनसे फसल कटाई के नाम पर मजदूरी करवाई जाती थी। बुधवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे बीडीपीओ नवदीप पूरे दस्ते के साथ मोडी स्थित मौके पर पंहुचे तो आरोपी पवन कुमार ने उन पर जबरदस्ती करने का आरोप लगाया और डायल 112 कर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पंहुची डायल 112 की पुलिस ने मौके पर पूरा दस्ता देखकर हालात समझे और कब्जा कार्रवाई होती देख वापस रवाना हो गई। उसके बाद उसके परिजनों ने भी हंगामा करने की कोशिश की, लेकिन भारी पुलिस बल होने से हालात काबू में रहे। उसके बाद दोपहर तक शांतिपूर्वक कब्जा कार्रवाई चली। बीडीपीओ व ड्यूटी मजिस्स्ट्रेट नवदीप ने बताया कि पुलिस फोर्स की सहायता से मोडी में संचालित बेसहारा शांतिकुंज अनाथ आश्रम को खाली करवा दिया गया है। उसमें रह रहे लोगों को पवन स्वयं झज्जर के आश्रम में छोड़कर आया है। जगह की मलकियत पंचायत के सुपुर्द कर दी गई है।
ग्रामीण बोले- बुजुर्गों से मजदूरी करवाई जा रही थी, बीडीपीओ ने दौरा भी किया था
ग्रामीण गजराज सिंह, पूर्व पंच जगन सिंह, राजेश, कर्णसिंह, सरपंच प्रतिनिध रामनिवास ने बताया कि अनाथ आश्रम की आड़ में एनजीओ संचालक पवन कुमार महिला व पुरुषों को गेट बंदकर बंधक की भांति रखता था और उनसे फसल कटाई का काम करवाता था। आश्रम परिसर में बिना संचालक की अनुमति के कोई भी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता था। कोई व्यक्ति दीवार फांदकर अंदर व बाहर न जा सके, इसके लिए चारदीवारी पर बिजली के तार लगाकर करंट छोड़ा हुआ था। अंदर रह रहे किसी व्यक्ति द्वारा आश्रम की असलियत बताई जाती तो उनसे मारपीट की जाती थी। अनाथ आश्रम के नाम पर उनकी ओर से जगह-जगह चंदावसूली व सामान आदि डोनेशन के रूप में लिया जाता था। कनीना के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी द्वारा बीते समय इसका औचक निरीक्षण किया था, तब चैंकाने वाले खुलासे हुए थे। आश्रम के गेट पर ताला लटका मिला था। तारों में बिजली का करंट व उनसे मारपीट के किस्से सामने आए थे। उनके परिजनों के कहने पर पवन की अनुमति से ताला खोला गया। बीडीपीओ ने आश्रम में रह रहे लोगों से बातचीत की तो उन्होंने बंधक बनाकर रखने जैसी बातें बताई थीं। वे लोग वहां से जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें जबरन वहां रोका गया था।
सरपंच बोलीं- भारती स्कूल पर भी थी कब्जे की मंशा
सरपंच अनिता देवी ने बताया कि पंचायती जमींन पर सत्य भारती प्राइमरी स्कूल का संचालन शिक्षा-सत्र 2006-07 में किया गया था। विद्यार्थियों की संख्या कम होने पर 2018-19 में भारती फउंडेशन ने भवन समेत जमींन पंचायत के सुपुर्द कर दी थी। करीब 2 वर्ष बाद एनजीओ की ओर से बिना पंचायत सहमति अनाथ आश्रम का शुरू कर दिया गया। पवन का स्कूल पर कब्जा का ईरादा था। अब आश्रम खाली हो गया है और पंचायत के सुपुर्द कर दिया गया है। पवन द्वारा अपना सामान निकालने के बाद यहां ई-लाईब्रेरी व ओपन जिम खोला जाएगा। जिसका ग्रामीणों को लाभ मिलेगा। फिलहाल पंचायत व पवन की ओर से गेट पर 2 ताले लगाए गए हैं।
आरोपी बोला- राजनीति के तहत किया, कोर्ट में है केस
कब्जाधारी पवन ने बताया कि प्रशासन ने राजनीति के दबाव में आकर जगह को खाली करवा दिया। कुछ लोगों ने ग्राम पंचायत से मिलकर व्यूह रचना रची है। उन्होंने कहा कि उनका मामला कोर्ट में विचाराधीन है। जिसकी आगामी 1 मई को सुनवाई होनी है। उन्होंने कहा कि अनाथ बेसहारा आश्रम मोडी गांव में ही चलेगा।