मृत व्यक्ति के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार करने के मामले में तहसीलदार समेत 7 पर मामला दर्ज
पंकज नागपाल/निस
हांसी, 18 फरवरी
तहसील हांसी में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां मृत व्यक्ति के नाम से फर्जी ऐफिडेविट तैयार कर सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर किया गया। पुलिस ने लालपुरा निवासी दीवान सिंह के बयान पर तहसीलदार समेत 7 लोगों के खिलाफ गंभीर आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दी शिकायत में लालपुरा गांव निवासी दीवान सिंह ने बताया कि उनका खाता विभाजन व रास्ते को लेकर मामला तहसीलदार हांसी के समक्ष विचाराधीन था, जिसकी अपील आयुक्त हिसार के पास लंबित थी। इसी दौरान तत्कालीन तहसीलदार रामफल कटारिया, अधिवक्ता सुखवीर यादव, उनके मुंशी सोनू, तथा नोरंग, राजकुमार, सुरेंद्र और इंद्रावती ने आपराधिक षड्यंत्र रचकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे। दीवान सिंह ने आरोप लगाया कि तहसीलदार और अन्य आरोपियों ने रामसिंह नामक व्यक्ति के नाम से 24 जनवरी, 2012 को एक फर्जी ऐफिडेविट तैयार करवाया, जबकि रिकॉर्ड के अनुसार रामसिंह की मृत्यु 19 जून, 2010 को ही हो चुकी थी। इसी फर्जी ऐफिडेविट के आधार पर सनद तकसीम खसरा-खतौनी विभाजन से संबंधित सरकारी प्रमाण पत्र तैयार की गई और इसे कोर्ट कार्यवाही में प्रयोग किया गया।इसके बाद 13 फरवरी, 2012 को दूसरा फर्जी ऐफिडेविट भी निकाला गया, जिसे अपील के दौरान कोर्ट में पेश किया गया। शिकायतकर्ता के अनुसार, यह सब इस उद्देश्य से किया गया ताकि अपील को खारिज करवाया जा सके और उनके भूमि विवाद में उनके खिलाफ फैसला सुनाया जाए।
पीड़ित ने कुछ समय पहले पुलिस को इस मामले की शिकायत दी थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद अब बीते दिनों इस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए धारा 156(3) सीआरपीसी के तहत एसएचओ हांसी को 7 दिनों के भीतर उचित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने और इसकी प्रति अदालत में जमा करने के निर्देश दिए थे।