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मील का पत्थर साबित होगी राष्ट्रीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी : पंकज अग्रवाल

04:40 AM Dec 31, 2024 IST
मील का पत्थर साबित होगी राष्ट्रीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी   पंकज अग्रवाल
सोनीपत के राई में राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी के समापन पर श्रेष्ठ बाल वैज्ञानिकों को पुरस्कृत करते स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव एवं आयुक्त पंकज अग्रवाल। -हप्र
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सोनीपत, 30 दिसंबर (हप्र)
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव एवं आयुक्त पंकज अग्रवाल ने कहा कि 51वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी भावी वैज्ञानिकों के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि यह बाल वैज्ञानिक भविष्य में अपने नये शोध कार्यों के साथ आगे बढ़ेंगे और देश को विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में आगे लेकर जाएंगे।
पंकज अग्रवाल सोमवार शाम को हरियाणा खेल विश्वविद्यालय राई परिसर में प्रदर्शनी के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी नये शोध व नवाचार को लेकर भविष्य के लिए नये वैज्ञानिक तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि 5 दिन चली प्रदर्शनी का अनुभव हरियाणा के लिए बेहतरीन रहा है। 27 साल बाद इस प्रतियोगिता की मेजबानी हरियाणा को मिली। यहां 30 हजार से ज्यादा बच्चों ने पहुंचकर देशभर के बाल वैज्ञानिकों के मॉडलों को देखा और सराहा। उन्होंने बताया कि मंगलवार 31 दिसंबर को देशभर से आए 400 बाल वैज्ञानिकों को कुरुक्षेत्र भ्रमण पर ले जाया जाएगा।
स्कूल शिक्षा विभाग के निदेशक जितेंद्र दहिया ने कहा कि प्रदर्शनी बेहतरीन रही। उन्होंने कहा कि खराब मौसम के बावजूद 30 हजार से ज्यादा बच्चे प्रदर्शनी में पहुंचे। मेजबान हरियाणा खेल विश्वविद्यालय राई के कुलपति एवं पूर्व पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने साइबर खतरों से बचाव की रणनीति, डेटा गोपनीयता के महत्व और डिजिटल दुनिया की बढ़ती चुनौतियों पर चर्चा की।
प्रदर्शनी के दौरान गोवा के कार्मेल हायर सेकेंडरी स्कूल की ऋषिका जमुनी द्वारा मार्गदर्शक प्रिया देसाई के निर्देशन में
‘रोबो बिन’ मॉडल प्रस्तुत किया गया। इस प्रणाली ने गीले और सूखे कचरे को स्वचालित रूप से अलग करने के लिए एक विशेष तंत्र का प्रदर्शन किया। परियोजना ने कचरे के पुनर्चक्रण, लैंडफिल में कमी और संसाधन संरक्षण को बढ़ावा दिया।
प्रदर्शनी प्रस्तुत ‘सेनिटाइज चेयर’ मॉडल में विद्यार्थियों ने खासी रुचि दिखाई। राजस्थान के महात्मा गांधी सरकारी स्कूल की अंकिता यादव द्वारा बनाई गई इस अभिनव कुर्सी का उद्देश्य न्यूरोलॉजिकल स्थितियों से पीड़ित व्यक्तियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना था।

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पांचवें दिन पहुंचे 6 हजार छात्र

पांचवें दिन रोहतक, पलवल, झज्जर, करनाल, फरीदाबाद और सोनीपत जिलों से 6 हजार छात्र प्रदर्शनी में पहुंचे। इसके साथ ही 28 राज्यों से आए 400 युवा विज्ञान प्रदर्शकों ने उपस्थिति दर्ज कराई।

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