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मिंक-फ्लैनो कंबल का बूम, लगेंगे 14 नये प्लांट

05:24 AM Jan 09, 2025 IST
मिंक फ्लैनो कंबल का बूम  लगेंगे 14 नये प्लांट
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पानीपत, 8 जनवरी (वाप्र)
टेक्सटाइल नगरी पानीपत में चार साल बाद लगे अच्छे सीजन से उत्साहित उद्योगपतियों ने नए प्लांट लगाने की तैयारी शुरु की है। अगले सीजन में इन प्लांट से उत्पादन शुरु हो जाएगा। आठ प्लांट फ्लैनों कंबल के लगाए जा रहे हैं जबकि छह प्लांट मिंक कंबल के लगने जा रहे हैं। इन प्लांटों की मशीनरी चीन से मंगवाई गई है। फ्लैनो कंबल का एक प्लांट 60-70 करोड़ में लगता है जबिक मिंक कंबल का प्लांट 30 करोड़ के लगभग लगता है। फ्लैनो कंबल के प्लांट का उत्पादन 10 टन होता है जबिक मिंक कंबल प्लांट में उत्पादन 20 टन तक प्रतिदिन होता है। इस बार बंपर डिमांड रहने से कंबल उद्यमियों में उत्साह कायम हुआ है।
मकर संक्रांति पर सेल डाउन
मकर सक्रांत के आसपास कंबल के बिक्री डाउन होना शुरु हो जाता है। 14 जनवरी को मंकर संक्रांति है। इसी कारण कंबल की बिक्री में कमी दर्ज की गई है। जिस कारण भाव में भी गिरावट देखने को मिल रही है। मिंक कंबल 200 रुपये प्रतिकिलो से गिरकर 180-85 रुपये पहुंच गया है। सुपर सोफ्ट कंबल के दाम 200-05 चल रहे हैं। फ्लैनो के दाम भी 240 रुपये किलोग्राम के इर्द गिर्द चल रहे है। कारोबारियों का कहना है पानीपत में मिंक फ्लैनो के 150 प्लांट लगे हुए हैं। किसी भी प्लांट स्टाक नहीं है। इस बार कच्चे माल पोलियस्टर यार्न के दामों में बढ़ोतरी नहीं हुई जिसका लाभ कंबल निर्माताओं का मिला।
इंफ्रास्ट्रक्चर की दरकार
पानीपत में औद्योगिक विकास लगातार हो रहा है। 60-70 करोड़ के नए-नए प्लांट लग रहे हैं। इसे देखते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती की उद्यमियों के मांग है। यहां रेजिडेंशियल सेक्टरों में एक लाख रुपये प्रति वर्ग गज के भाव चल रहे हैं। इतने अधिक भाव होने के बावजूद सेक्टरों में सड़के टूटी पड़ी है। नगर निगम की सफाई व्यवस्था लचर है। औद्योगिक सेक्टरों की सड़कें भी टूटी पड़ी है। सड़कों पर धूल मिट्टी अधिक होने के कारण वायु प्रदूषण की समस्या बनी हुई है। कंबल उद्योगपति नवीन बंसल के कहना है पाश एरिया अंसल में सड़के टूटी पड़ी है।हुडा के सेक्टरों की हालत भी बदतर बनी हुई है। वायु प्रदूषण होने से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाज उद्योगों पर पड़ती है। जबकि जिम्मेदारी निगम की है। निगम करोड़ों रुपये के टेंडर सफाई के छोड़ता है उसके बाद भी सफाई नहीं हो रही। उद्योगपति इस बार नगर निगम में इसी मुद्दे को उठाएंगे।

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