मार्च-2026 तक 47 पैसे प्रति यूनिट अदा करना होगा एफएसए
चंडीगढ़, 16 जनवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा के बिजली उपभोक्ताओं को इस साल भी एफएसए (फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट) से निजात नहीं मिलेगी। उन्हें अभी एक साल और 47 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से एफएसए चुकाना होगा। इसका सबसे अधिक असर उन उपभोक्ताओं पर पड़ेगा, जो 200 यूनिट से अधिक बिजली का इस्तेमाल करेंगे। इससे कम यूनिट का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को एफएसए से कोई असर नहीं पड़ेगा।
यह एफएसए दिसंबर-2024 तक के लिए था। लेकिन अब बिजली कंपनियों ने इसे 31 मार्च, 2026 तक लागू रखने का निर्णय लिया है। प्रदेशभर के 84 लाख के करीब उपभोक्ताओं को अब मार्च-2026 तक यह पैसा देना होगा। 201 यूनिट का भी अगर इस्तेमाल किया है तो 94 रुपये मासिक अतिरिक्त का बोझ पड़ेगा। इसी तरह 300 यूनिट पर 141, 400 पर 188, 500 पर 235, 600 पर 282, 700 पर 329 और 800 पर 376 रुपये प्रतिमाह अतिरिक्त देना होगा।
सरकार ने बिजली निगम पर बढ़ रहे डिफॉल्टिंग अमाउंट के चलते यह वसूली जारी रखी है। पहले सरकार ने बिजली निगम के फायदे में आने पर इसे खत्म कर दिया था। घाटा होने पर अप्रैल-2023 में एफएसए लागू कर दिया। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम में 43 लाख 57 हजार से ज्यादा उपभोक्ता है। इसके अलावा उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के करीब 37 लाख 39 हजार से ज्यादा उपभोक्ता हैं। इससे पहले जून-2024 में सरकार ने मासिक शुल्क को माफ कर दिया था। इसके बाद से प्रदेश में जिन घरों में 2 किलोवाट तक के मीटर लगे हैं, उन्हें केवल खर्च की गई यूनिट का ही बिजली बिल भरना पड़ रहा है।
वहीं एफएसए की वसूली मार्च-2026 तक बढ़ाए जाने का कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने विरोध किया है। उन्होंने इसे प्रदेश की गरीब जनता की जेब पर डकैती करार दिया है। सुरजेवाला ने कहा कि साम, दाम, दंड, भेद के दम पर हरियाणा की सत्ता हथियाने वाली भाजपा का मन इस खुशहाल प्रदेश की दो तिहाई जनता को गरीबी रेखा के नीचे धकेलने से भी नहीं भरा। अब वह प्रदेश के लोगों की जेब काटकर बदला ले रही है। चुनाव से पहले बिजली निगमों को लाभ में बताकर उनका बिजली मीटर शुल्क हटा लिया था। ऐसे में चुनाव के तत्काल बाद 84 लाख उपभोक्ताओं पर प्रति यूनिट 47 पैसे एफएसए के नाम पर बिजली दरें बढ़ाना डकैती से कम नहीं है।