हरि मंगलमहाकुंभनगरः 19 जनवरी को मेला क्षेत्र के सेक्टर-19 में लगी आग से बड़ी संख्या में शिविर और उसमें रखा सामान जल गया। प्रयागवाल, स्वयं सेवी संस्थाओं सहित गीता प्रेस के शिविर में लगी आग से नुकसान तो बहुत हुआ लेकिन समय रहते आग पर नियत्रंण हो जाने से जन हानि बच गई। त्वरित कार्रवाई के लिये प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही फायर बिग्रेड और एनडीआरएफ के जवानों की प्रशंसा हो रही है लेकिन उसके साथ ही सनातन सैनिकों की एक छोटी टुकड़ी के योगदान को देखकर वहां मौजूद हजारों श्रद्धालुओं ने नतमस्तक होकर सराहना की।मेला क्षेत्र में आग की सूचना मिलते ही फायर बिग्रेड की गाड़ियां और एनडीआरएफ के लोग तेजी से घटनास्थल की ओर रवना हुए। समीप के मार्ग पर दोनों ओर भीड़ का जमावड़ा था। पुलिस प्रशासन के लोग हटाने का प्रयास कर रहे थे, कुछ लोग सड़क के किनारे तो कुछ आगे बढ़ रहे थे, कुछ लोग फोटो खींच रहे थे, तो कुछ वीडियो बना रहे थे। हद तो यह थी कि कुछ लोग अपने परिचितों को आग का लाइव वीडियो दिखा रहे थे। पुलिस जितनों को हटाती उतने ही लोग आसपास के शिविरों से निकल कर आ जाते थे। गाड़ियां मुश्किल से घटनास्थल तक जा पा रहीं थी। हूटर की आवाज बेअसर साबित हो रही थी। उधर आग विकराल रूप लेती जा रही थी। सभी जिम्मेदार बेबस से दिख रहे थे कि अचानक सनातनी सेना के सैनिकों का एक छोटा सा झुंड आता है और दृश्य एकदम से बदल जाता है। नागा संन्यासियों के रौद्र रूप को देख कर जिसे जहां जगह मिल रही थी, उसी ओर भागने लगे। कुछ ही देर में सड़क पर सन्नाटा छा गया। सनातनी सैनिक फायर बिग्रेड की गाड़ियों को जल्दी घटना की ओर भेजने लगे। इतना ही नहीं इन संन्यासियों ने फायर कर्मियों के साथ मिल कर पाइप को खोला। सारा घटना क्रम लगभग एक घंटे तक चला। इन नागा संन्यासियों ने जो कौशल दिखाया, उसने बड़े-बड़े प्रशिक्षित जवानों को पीछे छोड़ दिया। उल्लेखनीय तो यह है कि लगभग घंटे भर सेवा देने के बाद बिना कोई श्रेय लिये यह अपने शिविरों में चले गये। घटना स्थल पर जिसने भी यह दृश्य देख उसका सिर इन सनातन सैनिकों के लिये श्रद्धा से झुक गया। शायद इसी कार्य प्रणाली के कारण नागा संन्यासी समाज में पूज्य माने जाते है।