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महाकुंभ : फिर लगी आग, एक माह में सातवीं घटना

05:00 AM Feb 18, 2025 IST
महाकुंभ   फिर लगी आग  एक माह में सातवीं घटना
प्रयागराज में सोमवार को महाकुंभ में उमड़ा जनसैलाब। -प्रेट्र
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हरि मंगल
महाकुंभ नगर, 17 फरवरी
प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र में एक बार फिर आग लग गई लेकिन समय पर दमकल की गाड़ियां पहुंच जाने से बड़ा हादसा टल गया। कोई जनहानि नहीं हुई। सोमवार को दोपहर बाद लगभग 3 बजे सेक्टर-8 में स्थित कपि मानस मंडल के शिविर में आग लग गई जो बगल के उपभोक्ता संरक्षण समिति के शिविर तक जा पहुंची। शिविर में लगी आग की सूचना पर दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। यद्यपि श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण पुलिस को दमकल गाड़ियाें को रास्ता बनाने में समय लगा। बताया गया कि मानस मंडल के शिविर में कल्पवासी और श्रद्धालु रह रहे थे जो पूर्णिमा के बाद घर पर चले गए थे। ऐसे में शिविर खाली पड़े थे। आग पर काबू पाने के बाद भी मानस मंडल के दो और उपभोक्ता संरक्षण समिति के तीन शिविर जल कर राख हो गये। मुख्य शमन अधिकारी प्रशांत सिंह राणा ने कहा कि लगभग 3 बजे हमें टेंट में आग लगने की सूचना मिली। इसके तुरंत बाद हमारी गाड़ियां यहां पहुंचीं और आग पर काबू पाया। खाली टेंट था, कोई जनहानि नहीं हुई है। आगे की जांच चल रही है। महाकुंभ में 30 दिन में आग लगने की यह पांचवीं घटना है। इससे पूर्व 19 जनवरी को सेक्टर 19 में गीता प्रेस के कैंप में आग लगी थी।
पानी स्नान लायक नहीं
नयी दिल्ली (एजेंसी) : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की एक रिपोर्ट के माध्यम से सोमवार को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को सूचित किया गया कि प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान विभिन्न स्थानों पर अपशिष्ट जल का स्तर स्नान के लिए प्राथमिक जल गुणवत्ता के अनुरूप नहीं है। सीपीसीबी के अनुसार, अपशिष्ट जल संदूषण के सूचक ‘फेकल कोलीफॉर्म’ की स्वीकार्य सीमा 2,500 यूनिट प्रति 100 एमएल है।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल की पीठ प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों में अपशिष्ट जल के बहाव को रोकने के मुद्दे पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि सीपीसीबी ने 3 फरवरी को एक रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें कुछ गैर-अनुपालन या उल्लंघनों की ओर इशारा किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘नदी के पानी की गुणवत्ता विभिन्न अवसरों पर सभी निगरानी स्थानों पर अपशिष्ट जल ‘फेकल कोलीफॉर्म’ के संबंध में स्नान के लिए प्राथमिक जल गुणवत्ता के अनुरूप नहीं थी।

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सोमवार को 1.35 करोड़ लोगों ने लगाई डुबकी
महाकुंभ नगर (एजेंसी) : महाकुंभ में आम दिनों में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है और सोमवार को शाम आठ बजे तक 1.35 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई।

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