महर्षि दयानन्द के दिए ज्ञान का ऋण कभी नहीं चुका सकते : कपिल अत्रेजा
करनाल, 24 फरवरी (हप्र)
आर्य केंद्रीय सभा करनाल द्वारा महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती और आर्य समाज की स्थापना के 150 वर्ष पूर्ण होने के पर्व 22 से 26 फरवरी तक आर्य समाज मंदिर हर्षोल्लास से मनाए जा रहे हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ देवयज्ञ से हुआ। यज्ञ ब्रह्मा आर्य जगत के यशस्वी विद्वान आचार्य विष्णुमित्र वेदार्थी, पुरोहित शिव प्रसाद,निर्मल शास्त्री, जयेंद्र शास्त्री,धर्मप्रकाश शास्त्री,राजीव आर्य द्वारा यज्ञ करवाया गया। इस मौके पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के सदस्य कपिल अत्रेजा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए कहा कि महर्षि दयानंद का आगमन आर्य जाति के लिए मील का पत्थर बना।
महर्षि दयानन्द ने जो ज्ञान हम सब को दिया है उसका ऋण कभी नही चुकाया जा सकता। बालसंस्कार सम्मेलन में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन सुरजीत सुभरी द्वारा किया गया। महामंत्री स्वतन्त्र कुकरेजा ने कहा की आप बच्चे ही इस देश का भविष्य हो आप को सीखने का कोई भी मौका नहीं छोडऩा है और जो भी अच्छा कार्य करो दिल लगा कर करो। आर्य केंद्रीय सभा के प्रधान आनंद सिंह आर्य ने सभी उपस्थित श्रोताओं का आभार एवं धन्यवाद किया। देवस्थली गुरुकुल हिमाचल प्रदेश के संस्थापक विवेक चैतन्य जी के साथ आए 6 वर्षीय ब्रह्मचारी देवेन ने अष्टाध्य के मंत्र और गणित के सूत्र सुना कर सब को अचंभित कर दिया। निर्णायक मंडल की भूमिका आचार्य विष्णुमित्र वेदार्थी, सुश्री शशि आर्या और श्रुति कंबोज ने निभाई।