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मसौदे में कहा बार-बार चुनाव से बाधित होता है विकास कार्य

05:00 AM Dec 15, 2024 IST

नयी दिल्ली, 14 दिसंबर (एजेंसी)
लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ कराने के मकसद से लाए जा रहे विधेयक में कहा गया है कि विभिन्न कारणों से एक साथ चुनाव कराना जरूरी है क्योंकि चुनावों में बहुत खर्च होता है और समय भी लगता है।
‘एक देश, एक चुनाव’ से संबंधित संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की अवधारणा के क्रियान्वयन के लिए संवैधानिक संशोधन विधेयक को 12 दिसंबर को मंजूरी दी थी। ‘संविधान (129वां) संशोधन विधेयक, 2024’ में इस बात को रेखांकित किया गया है कि बार-बार चुनाव आचार संहिता लगाए जाने से विकास कार्यक्रमों में ठहराव पैदा हो जाता है तथा सरकारी सेवाओं के कामकाज पर भी असर पड़ता है और चुनावी ड्यूटी के लिए लंबे समय तक कर्मचारियों तैनाती के चलते सेवाओं में उनकी भागीदारी कम हो जाती है। इस विधेयक में एक नया अनुच्छेद 82ए सम्मिलित करने का प्रस्ताव है जिसके मुताबिक, लोकसभा और सभी विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव और अनुच्छेद 83 (संसद के सदनों की अवधि), अनुच्छेद 172 (राज्य विधानमंडलों की अवधि) और अनुच्छेद 327 में (विधानमंडलों के चुनाव के संबंध में प्रावधान करने की संसद की शक्ति) में संशोधन किया जाना है। विधेयक में यह भी प्रावधान है कि इसके अधिनियमित होने पर आम चुनाव के बाद लोकसभा की पहली बैठक की तारीख पर राष्ट्रपति द्वारा एक अधिसूचना जारी की जाएगी और अधिसूचना की उस तारीख को नियत तिथि कहा जाएगा। लोकसभा का कार्यकाल उस नियत तिथि से पांच वर्ष का होगा। विधेयक में यह भी कहा गया है कि लोकसभा या विधानसभा के पूर्ण कार्यकाल से पहले भंग होने की स्थिति में वर्तमान कार्यकाल की शेष अवधि के लिए ही चुनाव होगा।

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स्थानीय निकाय चुनाव भी हों शामिल : तेदेपा

तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने प्रस्ताव में संशोधन की मांग करते हुए इसमें सभी स्थानीय निकाय के चुनावों को शामिल करने की मांग की। इसके साथ ही पार्टी ने सवाल किया कि बार-बार संविधान की दुहाई देने वाली कांग्रेस को यह भी बताना चाहिए कि जब आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक को संसद से पारित किया गया था तब देश का लोकतंत्र और संविधान कहां था।

ध्यान भटकाने का माध्यम : टीएमसी

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने संबंधी विधेयक लाने का केंद्र का फैसला बेरोजगारी और महंगाई जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए है। अपने ब्लॉग पर उन्होंने यह दावा किया।

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देश का संघीय ढांचा कमजोर होगा : महबूबा

श्रीनगर : पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह अवधारणा देश के संघीय ढांचे को कमजोर करती है। मुफ्ती ने कहा, दुर्भाग्य से राजग सरकार दिन-प्रतिदिन भारत के संविधान को नष्ट कर रही है। उन्होंने कहा, ‘एक साथ चुनाव की बात से आप संघीय ढांचे को कमजोर कर रहे हैं।’

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