मशरूम उत्पादन तकनीक पर व्यावसायिक प्रशिक्षण शिविर संपन्न
हिसार, 1 जनवरी (हप्र) : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान द्वारा मशरूम उत्पादन तकनीक पर आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर संपन्न हुआ। इसमें हरियाणा के विभिन्न जिलों से 45 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया।
संस्थान के सह निदेशक डॉ. अशोक कुमार गोदारा ने बताया कि कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज के मार्गदर्शन में संस्थान में विभिन्न रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण के साथ-साथ मशरूम उत्पादन तकनीक पर भी नियमित रूप से प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि मशरूम उत्पादन एक ऐसा व्यवसाय है जिसे भूमिहीन, शिक्षित या अशिक्षित, युवक व युवतियां कम से कम खर्च में स्व-रोजगार के रूप मे अपनाकर आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं।
इस संस्थान में मशरूम उत्पादन के अलावा मधुमक्खी पालन, केंचुआ खाद उत्पादन, ऑर्गेनिक फ़ार्मिंग, बीज उत्पादन, डेयरी फार्मिंग, फल एवं सब्जी प्रशिक्षण, दूध व दूध से बने उत्पाद, बेकरी, स्प्रे तकनीक, खाद्य पदार्थों का मूल्य संवर्धन, नर्सरी रेजिंग, बाग लगाने आदि विषयों पर पूरे वर्ष प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा भी किसानों तथा बेरोजगार युवाओं को इसे एक व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ बलवान सिंह मंडल ने बताया कि मशरूम उत्पादन से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है क्योंकि यह एक संतुलित आहार है जिसमें कई तरह के खनिज, विटामिन, अमीनो एसिड, प्रोटीन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने के साथ कई तरह के औषधीय गुणों से भरपूर है। प्रशिक्षण शिविर के आयोजक डॉ. सतीश कुमार मेहता ने बताया कि हरियाणा में ज़्यादातर किसान सर्दी के मौसम में सफ़ेद बटन खुम्ब की काश्त करते हैं और इसके पश्चात फार्म को बंद कर दिया जाता है जबकि बटन मशरूम के बाद ढींगरि व दूधिया मशरूम का उत्पादन भी किया जा सकता है।