मरीजों से अर्थव्यवस्था सुधारने का मॉडल बंद करे सरकार: जयराम ठाकुर
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इसके पहले भी सरकार ने इसी तरीके से अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों से रजिस्ट्रेशन शुल्क के नाम पर 10 रुपये वसूलना शुरू किया था जो अब धीरे पूरे प्रदेश में जगह जगह वसूला जा रहा है। सरकार इसी तरह से बाकी शुल्क भी अस्पतालों में लागू कर देगी। जिसका भुगतान प्रदेश की जनता करेगी और मुख्यमंत्री अंजान बने रहेंगे और सरकार द्वारा थोपे गए शुल्क को झूठा बताकर आगे बढ़ जाएंगे।
जयराम ठाकुर ने कहा कि मरीजों की सेवा करना मानवता भी है और सरकार का कर्तव्य भी। लेकिन वर्तमान सरकार बीमार को ही प्रदेश की आय का साधन बना रही है। जब से व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार सत्ता में आई है तब से प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का बंटाधार किया जा रहा है। आदमी को मिल रही स्वास्थ्य सुविधाएं, स्वास्थ्य से संबंधित सरकारी योजनाएं पूरे तरीके से नाकाम हो गई हैं। चाहे नि:शुल्क मिलने वाली दवाएं हो या नि:शुल्क होने वाली जांच या फिर हिम केयर और आयुष्मान के तहत मिलने वाला नि:शुल्क इलाज, सरकार की नाकामी की वजह से सब बंद है। अस्पताल को आपूर्ति कर रही कंपनियां, संस्थान सरकार से अपने पुराने भुगतान के लिए गुहार लगा रहे हैं। भुगतान न मिलने की वजह से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। लोग सुविधाओं के लिए भटक रहे हैं या जीवित बचे रहने के लिए मजबूरी किसी तरह से इलाज करवा रहे हैं। सरकार उनकी जरूरत और मजबूरी का फायदा उठाकर बिना कोई सुविधा दिए ही सुविधा शुल्क पर शुल्क जोड़े जा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि मरीजों से प्रदेश की अर्थव्यवस्था सुधारने का मॉडल अपनाना बंद करें और एक जन कल्याणकारी राज्य के रूप में काम करें।