नयी दिल्ली, 13 अप्रैल (एजेंसी)संसद की एक स्थायी समिति ने मनरेगा के तहत प्रदान किये जाने वाले काम के दिनों की संख्या 100 से बढ़ाकर 150 दिन करने समेत श्रमिकों के दैनिक मजदूरी कम से कम 400 रुपये निर्धारित करने की सिफारिश की है। समिति ने सुझाव दिया है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) से जुड़ी योजना की प्रभावशीलता का आंकलन करने के लिए एक स्वतंत्र सर्वेक्षण किया जाना चाहिए। समिति ने योजना को नया रूप देने पर भी जोर दिया है।हाल ही में संपन्न बजट सत्र के अंतिम सप्ताह के दौरान संसद में पेश की गई रिपोर्ट में ग्रामीण विकास और पंचायती राज पर संसद की स्थायी समिति ने काम के दिनों की संख्या 100 से बढ़ाकर 150 करने की सिफारिश की है। समिति ने सामाजिक लेखापरीक्षा पर भी जोर दिया है ताकि योजना के उचित कार्यान्वयन को सुनिश्चित किया जा सके। कांग्रेस सांसद सप्तगिरि शंकर उलाका की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा, ‘समिति का मानना है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस) की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय सर्वेक्षण आयोजित किया जाना चाहिए।समिति ने यह भी सिफारिश की कि जलवायु शमन और आपदा राहत के लिए, सूखा राहत प्रावधान के तहत 150 दिनों की वर्तमान कार्य सीमा को बढ़ाकर 200 दिन किया जाना चाहिए। इसने कहा कि वन क्षेत्रों में रहने वाले अनुसूचित जनजाति के परिवारों व कमजोर समुदायों के लोगों के लिए आय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए वन अधिकार अधिनियम के तहत 150 दिन का काम देने की सीमा को बढ़ाकर 200 दिन किया जाना चाहिए। ‘जॉब कार्ड' समाप्त किये जाने की उच्च संख्या को देखते हुए समिति ने कहा कि 2021-22 में लगभग 50.31 लाख जॉब कार्ड मामूली वर्तनी संबंधी त्रुटियों या आधार विवरण से विसंगति के कारण समाप्त कर दिये गए थे।