मतपत्रों से चुनाव का सुझाव संसदीय समिति के अधिकार में नहीं : विधि मंत्रालय
नयी दिल्ली, 1 मार्च (एजेंसी)
केंद्रीय विधि मंत्रालय ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के एक साथ चुनाव कराने संबंधी दो विधेयकों की पड़ताल कर रही संसद की संयुक्त समिति को बताया है कि मतपत्रों के माध्यम से चुनाव कराने का प्रश्न उसके दायरे में नहीं आता है। मतपत्र प्रणाली पर वापस लौटने का सुझाव संयुक्त समिति के कुछ सदस्यों ने दिया था और विधि मंत्रालय को इसका लिखित में जवाब देना था। मंत्रालय के विधायी विभाग ने समिति द्वारा पूछे गए विभिन्न प्रश्नों के विस्तृत उत्तर दिए, लेकिन उसने मतपत्र प्रणाली पर दिए गए सुझाव पर कोई सीधा उत्तर नहीं दिया।
समझा जाता है कि मंत्रालय ने कहा है कि मतपत्र प्रणाली के उपयोग का सुझाव संसदीय समिति के ‘अधिकार क्षेत्र से बाहर’ है। सूत्रों ने बताया कि समिति को एक साथ चुनाव कराने संबंधी विधेयकों- संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक- की पड़ताल करने और इस बारे में अपनी रिपोर्ट देने का अधिकार दिया गया है कि क्या वे इस उद्देश्य के लिए पर्याप्त हैं या उनमें बदलाव की आवश्यकता है। उन्होंने रेखांकित किया कि मतदान के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) या मतपत्र का उपयोग करना वह विषय नहीं है जिसकी पड़ताल समिति कर रही है। संविधान (129वां संशोधन) विधेयक में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने के लिए कानूनी ढांचा तैयार करने का प्रावधान है, वहीं केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक संयुक्त चुनाव कराने के उद्देश्य से दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर की विधानसभाओं के कार्यकाल को एक साथ करने का प्रावधान करता है।