मक्की के दाम बढ़ने से पोल्ट्री फार्मों पर संकट के बादल
पानीपत, 1 जनवरी (हप्र)
देशभर में फैले सवा लाख पोल्ट्री फार्म लाखों मजदूरों और अन्य श्रमिकों के राेजगार का माध्यम है। पोल्ट्री में अंडे वाले फार्म को लेयर, चिकनवाले को ब्रॉयलर फार्म और चूजे बनाने वाले को हैचरी कहते है। इन तीनों ही तरह के फार्मों में मुर्गियां पोल्ट्री फीड खाती हैं। पोल्ट्री फीड के इनग्रेडिएंट में 60 से 65 प्रतिशत मक्की, 20 से 25 प्रतिशत सोया व बाकि अन्य सामग्री मिलाई जाती है। जब से मक्की को एथेनोल में मिलाया जाने लगा तो उसके दाम बहुत बढ़ गये है। मक्की का दाम ज्यादा होने से पोल्ट्री फार्मों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
पोल्ट्री व्यवसाय की इस समस्या को लेकर पीएफआई के अध्यक्ष रणपाल ढांडा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही सरकार से मिलेगा और समस्या के समाधान की मांग करेगा। केंद्रीय पशुपालन विभाग के सचिव से तो पीएफआई का प्रतिनिधिमंडल एक-दो दिन में ही मिलने वाला है। पीएफआई के दोबारा से नवनिर्वाचित अध्यक्ष रणपाल ढांडा ने बुधवार को एल्डिगो स्थित अपने आवास पर बताया कि मक्की का भाव बहुत ज्यादा बढ़ने से पोल्ट्री व्यवसाय के उत्पादन की लागत बहुत ज्यादा बढ गई है। 1990 में देश में मक्की का उत्पादन 10 मिलियन मिट्रिक टन था जोकि 2022-23 में बढ़कर 38 मिलियन एमटी हो गया और अब बढ़कर 42 मिलियन एमटी हो गया है। मक्की का उत्पादन तो बहुत बढा है लेकिन जब से इसको एथेनोल में मिलाया जाने लगा है तो इसका भाव आसमान छू रहा है। पोल्ट्री फीड के इनग्रेडिएंट में 60-65 प्रतिशत तक मक्की होती है और इसने ही उत्पादन की लागत को बढा दिया है। उन्होंने कहा कि पीएफआई सरकार से मक्की का डयूटी फ्री आयात करने की मांग करेगी ताकि पोल्ट्री व्यवसाय को राहत मिल सके। वहीं पीएफआई के सचिव रविंद्र सिंह संधू ने कहा कि केंद्रीय पशुपालन विभाग के सचिव से तो मीटिंग का समय लिया गया है और आजकल में ही मीटिंग होगी।
रणपाल ढांडा फिर बने पीएफआई के अध्यक्ष
पानीपत के रहने वाले एवं प्रमुख पोल्ट्री कारोबारी रणपाल ढांडा को हाल ही में गुरुग्राम में हुई पीएफआई की आम सभा में सर्वसम्मति से लगातार दूसरी बार अध्यक्ष चुना गया है। संजीव गुप्ता गुरुग्राम को उपप्रधान, रविंद्र सिंह संधू असंध को सचिव, रिक्की थापर गुरुग्राम को संयुक्त सचिव और राहुल खत्री सोनीपत को कैशियर चुना गया है। इसके अलावा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के भी 35 सदस्य चुने गये है। पीएफआई के देशभर में करीब 1500 सदस्य हैं।