मंडियों के अस्तित्व पर खतरा, 11 को प्रदेशभर में होगा प्रदर्शन
हरिकृष्ण आर्य/निस
घरौंडा, 4 मार्च
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने प्रदेश सरकार पर तीन कृषि कानूनों के प्रावधानों को नये रूप में लागू करने का आरोप लगाया है। घरौंडा में कैमला रोड पर भाकियू ब्लॉक ऑफिस पर भाकियू ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और बैठक में आंदोलन की रणनीति तैयार की। बैठक की अध्यक्षता ब्लॉक प्रधान धनेतर राणा ने की।
बैठक में पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि सरकार कृषि विपणन बाजार नीति के जरिए किसानों, आढ़तियों और मंडियों के अस्तित्व को खत्म करने का प्रयास कर रही है। इस नीति के विरोध में 11 मार्च को प्रदेशभर में जिला सचिवालयों पर प्रदर्शन कर उपायुक्तों को ज्ञापन सौंपा जाएगा। भाकियू ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने इस नीति को वापस नहीं लिया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
भाकियू प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार औद्योगिक घरानों के फायदे के लिए यह नीति लाई है, जिससे अनाज मंडियों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह मंडियों के विस्तार पर ध्यान दे, लेकिन इसके बजाय उन्हें कमजोर किया जा रहा है। केंद्र सरकार उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है।
रतनमान ने कहा कि भाजपा सरकार उद्योगपतियों के 12 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ कर सकती है, लेकिन किसानों और आम जनता पर भारी टैक्स लगाकर उनकी कमर तोड़ रही है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और महंगाई से हर नागरिक परेशान है, लेकिन सरकार आम लोगों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है।
भाजपा सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी
भाकियू ने मांग की है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पंजाब सरकार की तर्ज पर इस नीति को रद्द कर केंद्र सरकार को लौटा दें। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने किसानों की मांग नहीं मानी तो पूरे प्रदेश में बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। गांव से लेकर प्रदेश स्तर तक विरोध प्रदर्शन होगा और इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह भाजपा सरकार की होगी।
इस मौके पर श्याम सिंह, कंवर सिंह राणा, संदीप राणा, विनोद राणा, शुभम राणा, लक्ष्मण दास, सुरेंद्र बैनीवाल, बारूराम, बजिंद्र व अन्य मौजूद रहे।