मंटो ने रचनाओं से सामाजिक बुराइयों को उजागर किया : एडवोकेट शाही
इससे पूर्व एडवोकेट दलजीत शाही ने छात्राओं को समराला के प्रसिद्ध किंडरगार्टन स्कूल में स्थित उर्दू के मशहूर अफ़साना निगार सआदत हसन मंटो के नाम पर स्थापित पुस्तकालय दिखाया, जिसमें मंटो का समस्त साहित्य रखा गया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए एडवोकेट शाही ने बताया कि सआदत हसन मंटो उर्दू भाषा के महान कथाकार रहे हैं, जिन्होंने पंजाबी में विशाल साहित्य की रचना की है।
उन्होंने बताया कि मंटो ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में फैली बुराइयों को उजागर किया, जिस कारण उन्हें शासक वर्ग की नाराजगी का शिकार होना पड़ा। उन्होंने यह भी बताया कि स्थानीय किंडरगार्टन स्कूल में हर वर्ष मंटो का जन्मदिन मनाया जाता है। इस अवसर पर दलजीत सिंह शाही ने छात्राओं से बातचीत करते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी में पुस्तकों के साहित्य को पढ़ने की रुचि न के बराबर रह गई है, क्योंकि विद्यार्थी अपना अधिकतर समय मोबाइल के उपयोग में बर्बाद कर देते हैं। अपने साहित्यिक सफर के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि वह गद्य विधा में साहित्य रचते हैं, जिनमें कहानियां और यात्रा वृतांत शामिल हैं। उन्होंने पंजाबी कहानी कला के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. राजिंदर कौर ने कहा कि छात्राओं में अपनी मातृभाषा से जुड़े रहने और साहित्यिक रुचि को बढ़ाने के लिए ऐसे कार्यक्रम साहित्य के विद्यार्थियों के लिए लाभदायक सिद्ध होते हैं। उन्होंने विशेष रूप से बताया कि कॉलेज में सुखमिंदर सिंह (सचिव शिक्षा), शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर साहिब के अथक प्रयासों से छात्राओं को पंजाबी संस्कृति से जोड़ने के लिए विरासत घर बनाने की पहल की जा रही है।