‘भारतीय ज्ञान परंपरा की संवाहक है हिंदी की पाठ्य पुस्तकें’
नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (ट्रिन्यू)
वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. राम दरश मिश्र ने कहा कि हिंदी की पाठ्य पुस्तकें भारतीय ज्ञान परंपरा की संवाहक हैं। प्रो. मिश्र रवींद्र भवन सभागार में आयोजित भारतीय शिक्षा बोर्ड की हिंदी की पाठ्यपुस्तकों के विमोचन एवं पतंजलि योगपीठ (ट्रस्ट) तथा भारतीय शिक्षा बोर्ड के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे। कार्यक्रम में उन्हें ‘पतंजलि शिक्षा गौरव सम्मान’ प्रदान किया गया। इस मौके पर राम दरश ने कविताएं भी सुनाई।
समारोह में अतिथियों का स्वागत करते हुए बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. एनपी सिंह ने कहा कि प्रो. रामदरश मिश्र को सम्मानित कर पतंजलि योगपीठ एवं भारतीय शिक्षा बोर्ड स्वयं को सम्मानित कर रहा है। इस मौके पर भारतीय शिक्षा बोर्ड की हिंदी की पाठ्यपुस्तकों की कक्षा-1 से आठ तक की शृंखला का विमोचन किया गया।
इस दौरान बोर्ड के सलाहकार मंडल के सदस्य प्रो. प्रमोद दुबे, डॉ. क्षमा शर्मा, सूर्यनाथ सिंह, डॉ. ओम निश्चल, कमलेश कमल, प्रो. स्मिता मिश्र, प्रो. रवि शर्मा, डॉ. अर्चना त्रिपाठी तथा पाठ्य पुस्तक निर्माण समिति के सदस्य सुधा शर्मा, देवेश चौबे, मिथिलेश शुक्ला, डॉ. सुधांशु कुमार, डॉ. विजयालक्ष्मी पांडेय, डॉ. नारायण दत्त मिश्र, पिंकी उपाध्याय, जैबी अहमद, डॉ. प्रदीप ठाकुर, डॉ. केशव मोहन पांडेय, इंदुमती मिश्रा, अनुराग पांडेय आदि मौजूद रहे। संचालन पाठ्यपुस्तकों की समन्वयक डॉ. सोनी पाण्डेय ने किया। पतंजलि योग पीठ की प्रतिनिधि, पतंजलि विवि की डीन साध्वी देवप्रिया ने सभी को शुभकामानाएं दीं। अंत में संस्था के सचिव राजेश प्रताप सिंह ने आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर राम दरश मिश्श्र के परिजन, विद्यार्थी तथा साहित्य अकादमी के उप सचिव डॉ. कुमार अनुपम, राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत्यकाम, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की महिला पतंजलि योग समिति की प्रभारी सुश्री सविता तिवारी, डाॅ. अमरेंद्र पांडेय, डॉ. वेद मिश्र शुक्ल, डॉ. परमिन्दर सिंह गुलिया, मानस मिश्रा, राघवेंन्द्र सिंह एवं शिक्षणा संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।