दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यूचंडीगढ़, 2 दिसंबरविधानसभा चुनाव में भाजपा के अधिकृत उम्मीदवारों का विरोध करने और भिरतघात करने वाले नेताओं व कार्यकर्ताओं पर गाज गिर सकती है। ऐसे नेताओं व कार्यकर्ताओं के बारे में पार्टी ने रिपोर्ट तलब कर ली है। पार्टी ने सभी विधायकों व चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों से ऐसे नेताओं व कार्यकर्ताओं के नाम की लिस्ट देने को कहा है। यह लिस्ट पार्टी प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली को सौंपी जाएगी। पिछले दिनों पंचकूला में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई विधायक दल की बैठक के अलावा उम्मीदवारों के साथ मंथन में इस मुद्दे पर विचार-विमर्श हुआ था। चुनाव हारने वाले कई उम्मीदवारों ने ये आरोप लगाए थे कि पार्टी के कुछ नेताओं के भितरघात की वजह से वे चुनाव हारे हैं। हालांकि, भाजपा 48 विधायकों के साथ पूर्ण बहुमत से तीसरी बार सत्ता में आ चुकी है। लेकिन पार्टी ने भविष्य की राजनीति को देखते हुए ऐसे लोगों से निपटने का मन बना लिया है। इतना ही नहीं, विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा छोड़कर कांग्रेस व अन्य दलों में जाने वाले नेताओं व पदाधिकारियों की भी पार्टी में फिर से एंट्री पर लगभग रोक लगाई जा चुकी है। पार्टी के स्थानीय नेतृत्व से बड़ी संख्या में ऐसे नेताओं व कार्यकर्ताओं द्वारा संपर्क किया गया है, जो फिर से भाजपा में आना चाहते हैं। प्रदेश इकाई ने दो-टूक कह दिया है कि विपरीत परिस्थितियों में पार्टी का साथ छोड़ने वालों के साथ अब किसी तरह की हमदर्दी नहीं रखी जाएगी। इतना ही नहीं, प्रदेश यूनिट ने यह भी तय किया है कि केंद्रीय नेतृत्व के स्तर पर अगर किसी नेता की वापसी की बात होती है तो उसे ही पार्टी में ज्वाइन करवाया जाएगा। यहां बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट कटने या नहीं मिलने पर कई पूर्व व मौजूदा मंत्रियों-विधायकों के अलावा वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा छोड़ दी थी। इनमें से अधिकांश नेता व कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल हुए थे। हालांकि, भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जाने वालों में से किसी को टिकट भी नहीं मिल पाया था। प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली स्पष्ट कह चुके हैं कि जिन नेताओं ने बुरे वक्त में पार्टी का साथ नहीं दिया, अब उन्हें फिर से भाजपा में नहीं लिया जाएगा। पार्टी के लिए लड़ने वाले कार्यकर्ताओं को मान-सम्मान दिया जाएगा।निकाय चुनाव में भी वेट नहीं : भाजपा सूत्रों का कहना है कि कई जगहों पर पार्टी के नगर व जिला पार्षदों ने कांग्रेस उम्मीदवारों की मदद की थी। इसकी पूरी रिपोर्ट पार्टी के पास पहुंच चुकी है। हरियाणा के 8 नगर निगमों, चार नगर परिषदों व 22 नगर पालिकाओं के चुनाव होने हैं। पार्टी अंदरखाने यह मन बना चुकी है कि कांग्रेस की मदद करने वाले पार्षदों को इस बार टिकट नहीं दिया जाएगा। यहां बता दें कि निगमों में मेयर तथा परिषद व पालिका में अध्यक्ष पद का चुनाव डायरेक्ट होता है। भाजपा निकाय चुनाव अपने सिम्बल पर लड़ती है। बड़ी संख्या में ऐसे नेता हैं, जो निकाय चुनाव लड़ना चाहते हैं। इसलिए वे भाजपा में आना चाहते हैं, लेकिन पार्टी की ओर से लगाई गई रोक ने उनकी टेंशन बढ़ा दी है।.....पिछले दिनों मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई पार्टी विधायक दल की बैठक में भितरघात पर चर्चा हुई। पार्टी प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली की ओर से सभी विधायकों व उम्मीदवारों से ऐसे लोगों के नाम मांगे हैं, जिन्होंने विधानसभा चुनावों में पार्टी के विरुद्ध काम किया। कसूरवार मिलने पर ऐसे नेताओं व कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।-राजेश नागर, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री