भाजपा नहीं होने देगी जमीन का अधिग्रहण : केवल ढिल्लों
06:36 AM Jul 09, 2025 IST
बरनाला, 8 जुलाई (निस)पंजाब सरकार की लैंड पूलिंग पॉलिसी का सभी जगह विरोध हो रहा है। किसान इसके पक्ष में नहीं हैं। वहीं भाजपा ने भी इस पालिसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बरनाला के पूर्व विधायक और वरिष्ठ भाजपा नेता केवल सिंह ढिल्लों ने कहा कि पंजाब की सरकार इस पालिसी के तहत किसानों की हजारों एकड़ जमीन को अधिग्रहण करना चाहती है लेकिन भाजपा ऐसा नहीं होने देगी। ढिल्लों ने कहा कि यह नीति पंजाब सरकार का नया ड्रामा है। उन्होंने कहा कि इससे इससे राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था पूरी तरह बर्बाद हो जाएगी। वहीं किसान संगठन भी इस मुद्दे पर बंटे हुए दिख रहे हैं। कुछ संगठनों का कहना है कि इससे उन्हें जमीन की पूरी कीमत मिल सकेगी। बाकी संगठनों का कहना है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। सरकार ने जमीन देने या न देने का निर्णय किसानों पर छोड़ा है, इसलिए घबराने की बात नहीं है। वहीं पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा का कहना है कि पुरानी सरकारों का भू-माफिया के साथ सांठगांठ रही है। जो पिछली सरकारें रहीं उन्होंने चुनिंदा बिल्डरों और डेवलपर्स को काम सौंपकर भू-माफिया को शरण दी। चीमा ने कहा कि इस नई नीति से एक एकड़ पर किसान को करीब 4.20 करोड़ रुपए का लाभ होगा। अगर एक एकड़ जमीन की कीमत मार्केट के अनुसार 1.25 करोड़ रुपए है तो पुरानी नीति के तहत किसानों को इतने ही रुपये मिलेंगे जबकि नई लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत जमीन मालिक को एक एकड़ जमीन देने के बदले 1000 वर्ग गज का विकसित रिहायशी प्लॉट और 200 वर्ग गज का कमर्शियल प्लॉट मिलेगा।
बरनाला, 8 जुलाई (निस)पंजाब सरकार की लैंड पूलिंग पॉलिसी का सभी जगह विरोध हो रहा है। किसान इसके पक्ष में नहीं हैं। वहीं भाजपा ने भी इस पालिसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बरनाला के पूर्व विधायक और वरिष्ठ भाजपा नेता केवल सिंह ढिल्लों ने कहा कि पंजाब की सरकार इस पालिसी के तहत किसानों की हजारों एकड़ जमीन को अधिग्रहण करना चाहती है लेकिन भाजपा ऐसा नहीं होने देगी। ढिल्लों ने कहा कि यह नीति पंजाब सरकार का नया ड्रामा है। उन्होंने कहा कि इससे इससे राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था पूरी तरह बर्बाद हो जाएगी। वहीं किसान संगठन भी इस मुद्दे पर बंटे हुए दिख रहे हैं। कुछ संगठनों का कहना है कि इससे उन्हें जमीन की पूरी कीमत मिल सकेगी। बाकी संगठनों का कहना है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। सरकार ने जमीन देने या न देने का निर्णय किसानों पर छोड़ा है, इसलिए घबराने की बात नहीं है। वहीं पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा का कहना है कि पुरानी सरकारों का भू-माफिया के साथ सांठगांठ रही है। जो पिछली सरकारें रहीं उन्होंने चुनिंदा बिल्डरों और डेवलपर्स को काम सौंपकर भू-माफिया को शरण दी। चीमा ने कहा कि इस नई नीति से एक एकड़ पर किसान को करीब 4.20 करोड़ रुपए का लाभ होगा। अगर एक एकड़ जमीन की कीमत मार्केट के अनुसार 1.25 करोड़ रुपए है तो पुरानी नीति के तहत किसानों को इतने ही रुपये मिलेंगे जबकि नई लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत जमीन मालिक को एक एकड़ जमीन देने के बदले 1000 वर्ग गज का विकसित रिहायशी प्लॉट और 200 वर्ग गज का कमर्शियल प्लॉट मिलेगा।
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