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भाग्य खोलने की चाहत में श्रद्धालु मंदिर में लगाते हैं ताला

05:00 AM Mar 05, 2025 IST
भाग्य खोलने की चाहत में श्रद्धालु मंदिर में लगाते हैं ताला
प्रयागराज स्रथित मंदिर में ताला लगाते श्रद्धालु। प्रेट्र
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प्रयागराज, 4 मार्च (एजेंसी)उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में एक प्राचीन शिव मंदिर है, जहां श्रद्धालु अपना भाग्य खोलने की चाहत में 'ताला लगाते' हैं। मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर ताला खोलते हैं और उसे अपने साथ घर ले जाते हैं। हाल ही संपन्न महाकुंभ के दौरान देश-दुनिया से आए कई तीर्थयात्रियों और कुछ पुलिसकर्मियों ने भी मंदिर में ताला लगाकर मन्नत मांगी। मंदिर कक्ष के अंदर-बाहर की दीवारों, रॉड और रेलिंग पर चमकदार तालों की कतारें दिखाई देती हैं, जिनमें से कई पर नाम उकेरे हुए हैं, जबकि कई को पहचान के लिए अलग-अलग रंगों से रंगा गया है। श्री नाथेश्वर महादेव मंदिर पवित्र ‘त्रिवेणी संगम' से लगभग छह किलोमीटर दूर है, जहां गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी मिलती हैं।
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लगभग 50 हजार ताले

श्री नाथेश्वर महादेव मंदिर में लगाए गए मन्नत वाले तालों की कोई आधिकारिक गणना उपलब्ध नहीं है, लेकिन मंदिर के महंत शिवम मिश्र का कहना है कि वहां लगभग 50,000 ताले होंगे। मिश्र ने बताया कि रोजाना औसतन 100 से 150 ताले लटकाए जाते हैं। मिश्र ने दावा किया कि थाईलैंड और ब्रिटेन के एक-एक श्रद्धालु ने भी श्री नाथेश्वर महादेव मंदिर में मन्नत वाला ताला लगाया है।

यह है कहानी

महंत मिश्र के मुताबिक, उन्होंने 2023 में मंदिर में मन्नत वाला पहला ताला लगाया था, जिसके बाद वहां ऐसे तालों की संख्या तेजी से बढ़ती गई और यह मंदिर ‘ताले वाले महादेव मंदिर' के रूप में पहचाना जाने लगा। उन्होंने दावा किया, 'साधना के दौरान मुझे काठमांडू के पशुपति नाथ से यह दिव्य आदेश मिला था कि मैं मंदिर में पहला ताला लगाऊं और मैंने ऐसा ही किया।' उन्होंने कहा कि वह हर महीने मंदिर में एक ताला लगाते हैं, लेकिन इससे कोई मन्नत नहीं जुड़ी हुई होती है। महंत के अनुसार, मंदिर में मछली के आकार और भगवान गणेश के चित्र वाले ताले भी लगाए गए हैं। उन्होंने कहा, 'कुछ ताले खुले हुए हैं, जिनमें चाबी भी लगी हुई है। ये ताले मन्नत के तौर पर नहीं लगाए जाते हैं, बल्कि बाबा को शृंगार के रूप में अर्पित किए जाते हैं।'

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