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भतीजों के बीच नई रार से दुखी हैं, चाचा रणजीत चौटाला

04:01 AM May 21, 2025 IST
भतीजों के बीच नई रार से दुखी हैं  चाचा रणजीत चौटाला
पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला।
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जसमेर मलिक/हप्रजींद, 20 मई
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इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय चौटाला और जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला के बीच दिवंगत पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के फोटो को लेकर शुरू हुए विवाद से चाचा पूर्व मंत्री रणजीत सिंह चौटाला दुखी हैं। उन्होंने इसे चौधरी देवीलाल परिवार के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इतने बड़े परिवार के बच्चों को ऐसा नहीं करना चाहिए। रणजीत चौटाला लोक निर्माण विश्रामगृह में मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला उनके बड़े भाई थे। उनकी फोटो को लेकर अब अभय चौटाला और अजय चौटाला के बीच जैसी बयानबाजी हुई है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। चौधरी देवीलाल जननायक थे। उनकी राजनीति का चौधरी देवीलाल की चौथी पीढ़ी को फायदा मिला है। दुष्यंत चौटाला 25 साल की उम्र में लोकसभा सांसद बने, तो उसके पीछे भी चौधरी देवीलाल की राजनीतिक विरासत की अहम भूमिका थी। चौधरी देवीलाल परिवार के द्वारा पुरानी राजनीतिक धाक फिर हासिल कर पाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वक्त सबसे बलवान है।

पानी रोकना हर लिहाज से गलत

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पंजाब द्वारा भाखड़ा दम से हरियाणा के हिस्से का पानी रोके जाने के मुद्दे पर रणजीत चौटाला ने कहा कि यह हर लिहाज से गलत है। सुप्रीम कोर्ट हरियाणा के हक में फैसला दे चुका है। दरिया पूरे देश के होते हैं, किसी प्रदेश के नहीं। पंजाब सरकार को चाहिए कि वह तुरंत प्रभाव से हरियाणा को उसके हिस्से का नहरी पानी दे। केंद्र को भी इसमें दखल देना चाहिए। मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर की गई टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए रणजीत चौटाला ने कहा कि कर्नल सोफिया कुरैशी पर पूरे देश को गर्व है, जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर पाकिस्तान को सबक सिखाया।

अपनी राजनीति को लेकर जल्दबाजी में नहीं करेंगे फैसला

रणजीत चौटाला ने कहा कि वह निर्दलीय विधायक बनने के बाद 5 साल प्रदेश के बिजली मंत्री रहे। बिजली में हरियाणा देश का नंबर वन राज्य बना। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में उन्हें हिसार से टिकट दिया, लेकिन 3 महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया। इसका कारण भाजपा को ही पता है। जहां तक उनकी अगली राजनीतिक मंजिल का सवाल है, तो वह जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेंगे। कार्यकर्ताओं से सलाह करने के बाद फैसला करेंगे।

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