ब्रेन डेड की किडनी ट्रांसप्लांट कर एक को दिया नया जीवन दान
पीजीआई में पहली बार बाहर से लाकर किया ऑपरेशन
रोहतक, 30 नवंबर (निस)
पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, रोहतक में पहली बार बाहर से अंगदान की गई एक किडनी ट्रांसप्लांट की गयी। इससे एक युवा मरीज को जीवन दान मिल गया। पीजीआई कुलपति डॉ. एच के अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में अंगदान के प्रति जागरूकता आ रही है। नोडल अधिकारी डॉ. सुखबीर ने बताया कि 24 नवंबर को पंचकूला के ऑल केमिस्ट अस्पताल में सड़क दुर्घटना के चलते सर में चोट लगने के कारण एक 44 वर्षीय युवक भर्ती हुआ था। चिकित्सकों द्वारा मरीज का इलाज करने पर भी उसमें कोई सुधार नहीं हुआ और 28 नवंबर को मरीज के ब्रेन डेड होने की स्थिति में कमेटी द्वारा उसे ब्रेन डेड घोषित किया गया। इसके पश्चात ऑल केमिस्ट अस्पताल, पंचकूला की ट्रांसप्लांट कॉर्डिनेटर द्वारा मरीज के परिजनों को अंगदान के प्रति जागरूक किया गया। मरीज के परिजनों ने अंगदान के बारे में जानकारी हासिल करने के पश्चात उन्होंने मरीज का लिवर, हृदय, लंग्स, किडनी और पेनक्रियाज दान करने की सहमति प्रदान कर दी। डॉ. सुखबीर ने बताया कि मरीज के परिजनों की सहमति के पश्चात पूरे प्रदेश में अंगदान का अलर्ट भेजा गया लेकिन हृदय व लंग्स ट्रांसप्लांट की सुविधा न होने के चलते वह अलर्ट नोटो के माध्यम से आगे उत्तर भारत में भेजा गया। नोटो द्वारा लिवर को दिल्ली के अस्पताल को अलॉट किया गया। वहीं पेनक्रियाज ट्रांसप्लांट के लिए फिट न पाए जाने के चलते किडनी को पीजीआईएमएस, रोहतक को अलॉट कर दिया गया।
सोटो की ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर दीप्ति जाखड़ ने बताया कि जैसे ही किडनी पीजीआईएमएस को अलॉट हुई तुरंत प्रभाव से पीजीआईएमएस की ट्रांसप्लांट टीम को अलर्ट भेजा गया जिन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए रात को ही पंचकूला से निकल चुकी दिल्ली की टीम से संपर्क बनाए रखते हुए पानीपत में उनसे किडनी ली और रात को ही नोडल अधिकारी डॉक्टर अंकुर गोयल ने मरीज का तुरंत डायलिसिस करवाया। इसके बाद ट्रांसप्लांट सर्जन डॉक्टर विवेक ठाकुर और डॉक्टर गौरव पांडे ने एक युवा को किडनी लगाई। कुलपति डॉ एचके अग्रवाल, निदेशक डॉ. सुरेश सिंघल चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कुंदन मित्तल ने मरीज को ट्रांसप्लांट करने वाली टीम को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने आज यह ट्रांसप्लांट करके मरीज को नया जीवनदान प्रदान किया है।