बोधगया मंदिर अधिनियम 1949 को रद्द करने की मांग, सौंपा ज्ञापन
जींद (जुलाना), 27 मार्च (हप्र)
बौद्ध उपासक-उपासिका संघ जींद के तत्वावधान में बृहस्पतिवार को भते कांशी रत्न के नेतृत्व में बुधवार को संघ प्रतिनिधि मंडल ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम जींद के नगराधीश डाॅ. आशीष देशवाल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 13 में स्पष्ट किया गया है कि भारत के संविधान के लागू होने पर 26 जनवरी 1950 से पहले के सभी प्रकार के कानूनी प्रावधान शून्य और अमान्य हो गए थे। इसके बावजूद बिहार सरकार ने बोधगया मंदिर अधिनियम 1949 आज तक रद्द नहीं किया। जिससे बौद्ध अनुयायियों एवं बौद्ध भिक्षुओं में काफी रोष है। ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से मांग की गई कि बोधगया मंदिर अधिनियम 1949 को तुरंत रद्द किया जाए। मौके पर दलित एक्टिविस्ट एडवोकेट देसराज सरोहा ने कहा कि अगर बोधगया मंदिर 1949 एक्ट तुरंत रद्द नहीं किया गया तो देश का बहुजन समाज आंदोलन के लिए मजबूर होगा। यदि जरूरत पड़ी तो भारत बंद करने से गुरेज नहीं किया जाएगा। मौके पर डॉ. वजीर चौहान, गुरनाम सिंह बौद्धाचार्य व रामेश्वर मौजूद रहे।