बीपीएससी परीक्षा विवाद : प्रशांत किशोर गिरफ्तार, फिर रिहा
पटना, 6 जनवरी (एजेंसी)
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे जन सुराज पार्टी संस्थापक प्रशांत किशोर को सोमवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद प्रशांत किशोर को सोमवार शाम को जेल से रिहा कर दिया गया। जमानत लेने से इनकार करने पर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। दिन में गिरफ्तारी के बाद अदालत में पेश किए जाने पर उन्होंने जमानत की शर्तों को ‘अनुचित’’ करार दिया था। यह तुरंत पता नहीं चल पाया है कि किशोर ने यहां की एक अदालत द्वारा लगाई गई जमानत शर्तों को स्वीकार किया या अदालत ने अपने आदेश में संशोधन किया।
इससे पूर्व, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने किशोर और उनके समर्थकों को प्रदर्शन स्थल से हटा दिया। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन प्रतिबंधित क्षेत्र के पास किया जा रहा था और इस तरह से उनका प्रदर्शन ‘गैरकानूनी’ था।
बीपीएसपी द्वारा 13 दिसंबर को आयोजित की गई परीक्षा के प्रश्नपत्र कथित तौर पर लीक होने के विरोध में किशोर ने दो जनवरी को आमरण अनशन शुरू किया था और अनशन के पांचवें दिन उन्हें गिरफ्तार किया गया। जन सुराज पार्टी के समर्थकों के अनुसार, पुलिस किशोर को उनकी मेडिकल जांच के लिए पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ले गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि किशोर को हिरासत में लेते समय सुरक्षाकर्मियों ने उनके साथ हाथापाई और धक्का-मुक्की की।
जिलाधिकारी ने संवाददाताओं को बताया कि इस दौरान किशोर के 43 समर्थकों को हिरासत में लिया गया और तीन ट्रैक्टर सहित 15 वाहन जब्त किए गए। सिंह ने दावा किया, ‘हिरासत में लिए गए 43 लोगों में से 30 की पहचान कर ली गई है। पता चला है कि उनमें से एक भी व्यक्ति, छात्र या बीपीएससी अभ्यर्थी नहीं है।’