For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

बिहार में जारी रहेगा मतदाता सूचियों का रिवीजन

05:00 AM Jul 11, 2025 IST
बिहार में जारी रहेगा मतदाता सूचियों का रिवीजन
Advertisement

नयी दिल्ली, 10 जुलाई (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को निर्वाचन आयोग को बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को जारी रखने की अनुमति देते हुए इसे संवैधानिक दायित्व बताया। जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने हालांकि, इस कवायद के समय पर सवाल उठाया और कहा कि बिहार में एसआईआर के दौरान आधार कार्ड, मतदाता पहचान-पत्र और राशन कार्ड पर दस्तावेज के तौर पर विचार किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित याचिकाओं पर जवाब मांगा और सुनवाई की अगली तारीख 28 जुलाई तय की।
अदालत ने चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी से कहा, ‘हमें आपकी ईमानदारी पर संदेह नहीं है, लेकिन कुछ धारणाएं हैं। हम आपको रोकने के बारे में नहीं सोच रहे हैं, क्योंकि यह एक संवैधानिक दायित्व है।’ द्विवेदी ने अदालत को आश्वासन दिया कि किसी को भी अपनी बात रखने का अवसर दिए बिना मतदाता सूची से बाहर नहीं किया जाएगा।
इससे पहले, पीठ ने कहा कि आपको पहले ही कदम उठाना चाहिए था, अब थोड़ी देर हो चुकी है। हालांकि, उसने इस दलील को खारिज कर दिया कि आयोग के पास इस कवायद को करने का कोई अधिकार नहीं है।

Advertisement

आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने एसआईआर दस्तावेजों की सूची में आधार कार्ड पर विचार न करने को लेकर सवाल किया और कहा कि निर्वाचन आयोग का किसी व्यक्ति की नागरिकता से कोई लेना-देना नहीं है और यह गृह मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आता है। द्विवेदी ने संविधान के अनुच्छेद 326 का हवाला देते हुए कहा कि प्रत्येक मतदाता को भारतीय नागरिक होना चाहिए और आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है।

Advertisement

तीन मुद्दों पर जवाब मांगा
1. क्या उसके पास मतदाता सूची में संशोधन करने का अधिकार है।
2. इसके लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई?
3. इसमें कितना समय लगेगा?
इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि समय बीतने के साथ, मतदाताओं के नाम शामिल करने या बाहर करने पर विचार करने के लिए मतदाता सूची को संशोधित करने की जरूरत होती है। राकेश द्विवेदी ने पूछा अगर चुनाव आयोग के पास मतदाता सूची में संशोधन करने का अधिकार नहीं है, तो यह कौन करेगा?

कांग्रेस ने न्यायालय के सुझाव को ‘लोकतंत्र के लिए राहत’ बताया
कांग्रेस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह सुझाव लोकतंत्र के लिए राहत और सबसे बड़ी बात है कि मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड को दस्तावेज के तौर पर स्वीकार किया जा सकता है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह उम्मीद भी जताई कि निर्वाचन आयोग शीर्ष अदालत के सुझाव पर अमल करेगा।

Advertisement
Advertisement