बिना टकराव और भिड़ंत के जनहित के मुद्दों पर हुआ वाद-विवाद
चंडीगढ़, 3 अप्रैल (ट्रिन्यू)हरियाणा विधानसभा में राजधानी युवा संसद की ओर से आयोजित दो दिवसीय ‘युवा संवाद’ कार्यक्रम बृहस्पतिवार को सम्पन्न हो गया। विभिन्न कॉलेजों एवं यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी सदन में विधायकों की तरह मौजूद रहे। विद्यार्थी सदन के नेता, नेता प्रतिपक्ष, विभिन्न विभागों के मंत्रियों के साथ-साथ पक्ष और विपक्ष की भूमिका में नज़र आए। आमतौर पर विधानसभा सत्रों के दौरान पक्ष और विपक्ष में टकराव और भिड़ंत सामान्य बात है।
दो दिन चले इस युवा संवाद में जनहित के मुद्दों के साथ-साथ केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों पर भी खुलकर चर्चा हुई। साथ ही, नीतियों की कमियों को भी खुलकर उजागर किया गया। विद्यार्थियों के बीच तथ्यों के साथ किया गया वाद-विवाद इस कार्यक्रम को सार्थक बनाता नज़र आया। स्पीकर हरविन्द्र कल्याण के नेतृत्व में यह कार्रवाई चली। इससे पहले स्पीकर 31 मार्च को विधानसभा में ‘यूथ पार्लियामेंट’ का आयोजन करवा चुके हैं।
विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने कहा - संवाद हमारी संस्कृति का आधार होने के साथ लोकतंत्र की आत्मा भी है। उन्होंने युवाओं से विकसित भारत में अपनी भूमिका तय करने का आह्वान किया। इस दौरान उन्होंने प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित भी किया। इस दौरान ग्रामीण हरियाणा में डिजिटल विभाजन को पाटने और महिलाओं के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा व वित्तीय सहायता में सरकारी कल्याण योजनाओं तक आसान डिजिटल पहुंच सुनिश्चित करने संबंधी विषयों पर गंभीर चर्चा हुई।
हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि इस युवा संवाद में लिए गए दोनों ही विषय बहुत महत्वपूर्ण है। इन पर युवा विद्यार्थियों ने आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुति दी है। पूरक प्रश्नों के जवाब इतने सटीक और त्वरित थे कि ऐसा लगा जैसा असली में ही विधानसभा का बजट सत्र चल रहा हो। संवेदनशील विषयों को गंभीरता से रखा गया और इस दौरान सत्र की तरह ही शेरो-शायरी भी हुई। इस महान सदन में प्रदेश का भविष्य तय होता है, नीतियां बनती हैं, विकास का खाका तैयार होता है।
योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए बजट पारित किया जाता है। उसके बाद बजट के खर्च की समीक्षा भी की जाती है। प्रदेश के इन सभी विषयों पर चर्चा होती है। सीएजी की रिपोर्ट इत्यादि की समीक्षा की जाती है। युवा विद्याथियों को इस महान सदन में इस प्रकार से चर्चा का मौका मिलना बहुत सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि हम सबका उद्देश्य चर्चा के माध्यम से समस्याओं का समाधान, निष्कर्ष और निर्णय लेना है। इन सभी का केंद्र बिन्दु संवाद है।पीठासीन अधिकारियों के सम्मलेन में विधायिका के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने का निर्णय हुआ है। शहरी निकाय, पंचायती राज संस्थाओं के भी सम्मेलन होंगे। युवा और महिलाओं को अवसर देने के लिए प्रयास होंगे। इसके लिए विद्यार्थियों के भी सम्मेलन होंगे। इस अवसर पर राजधानी युवा संसद के सह-संस्थापक एडवोकेट जय सैनी और एडवोकेट ईशा कपूर ने कार्यक्रम के सभी प्रतिभागियों का आभार जताया।