मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

बिजली विभाग में खाली पड़े 18719 पद, जानबूझकर नहीं भर रही सरकार : हुड्डा

04:23 AM Jul 16, 2025 IST
पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा।
चंडीगढ़, 15 जुलाई  (ट्रिन्यू)

Advertisement

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि प्रदेश सरकार का हरेक विभाग कर्मचारियों की किल्लत से जूझ रहा है। इसके चलते सभी विभागों में भ्रष्टाचार, लीपापोती और लेटलतीफी जोरों पर है। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) में कुल 40294 पद स्वीकृत हैं। इनमें से केवल 21575 कर्मचारी कार्यरत है और 18719 पद खाली पड़े हैं। यानी राज्य की बिजली वितरण व्यवस्था लगभग आधे मानव संसाधनों के सहारे चल रही है। यही हाल शिक्षा, पुलिस, पर्यटन, सिंचाई, समेत तमाम विभागों का है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आज हरियाणा के सरकारी विभागों में 2 लाख से पद ज्यादा पद खाली पड़े हुए हैं। नई भर्ती करवाना तो दूर, बीजेपी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट तक नहीं करवा पा रही है। भर्तियों को जानबूझकर लटकाना, भटकाना और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करना बीजेपी की तय नीति बन चुकी है। यही वजह है कि हरियाणा पूरे देश में बेरोजगारी का सिरमौर बना हुआ है।

Advertisement

हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान दो लाख से ज्यादा पक्की नौकरियां दी गई थीं। साथ ही कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की ऐतिहासिक नीति बनाई गई थी। उस नीति के तहत लगे हजारों कर्मचारी आज भी सरकारी विभागों में नौकरी कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ, बीजेपी सरकार के दौरान कच्ची तो कच्ची, पक्की नौकरी करने वालों के सिर पर भी निकाले जाने की तलवार लटक रही है। ग्रुप-सी, डी से लेकर ग्रुप-बी तक की भर्तियां कोर्ट में नहीं टिक पा रही हैं।

कौशल निगम के तहत बीजेपी ने जिन कर्मियों को पक्का करने का ऐलान किया था, लगातार उन्हें भी काम से हटाया जा रहा है। आए दिन किसी ना किसी विभाग से कौशल कर्मियों को निकाले जाने की लिस्ट जारी होती रहती है। जबकि संविदा के तहत भर्ती किए गए जिन कर्मचारियों को बाद में कौशल निगम में मर्ज करके कुछ हद तक पक्का किया गया, उनमें भी ज्यादातर कर्मी कांग्रेस कार्यकाल के दौरान ही भर्ती हुए थे। क्योंकि कांग्रेस की भर्तियां नियमों और पारदर्शिता के हरेक पैमाने पर खरी उतरी हैं जबकि बीजेपी की भर्तियों में नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई।

Advertisement