बारिश से खिले किसानों के चेहरे, गेहूं की फसल के लिए वरदान
रमेश सरोए/हप्र
करनाल, 24 दिसंबर
सीजन की पहली बारिश से किसानों के चेहरे खिल गए, जहां हल्की बारिश से गेहूं की फसल पर धूल, मिट्टी के कण सब धुल गए, साथ ही आसमान में नाइट्रोजन के कण बारिश के साथ फसल में मिल गए। इससे खेतों में गेहूं की फसल काफी अच्छी बनी हुई है, जो संकेत दे रही है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो भारत सरकार द्वारा निर्धारित टारगेट को आसानी से प्राप्त किया जा सकेगा। ये बातें भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान केंद्र करनाल के डायरेक्टर ने कही।
भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान केंद्र करनाल के निदेशक डॉ. रतन तिवारी ने बताया कि गत दिनों हुई हल्की बारिश से दो फायदे तुरंत नजर आए हैं, पहला कि गेहूं की फसल को इन दिनों नमी की काफी जरूरत होती है, खासकर जिन किसानों ने गेहूं की बिजाई समय से कर दी थी, उनकी फसल की स्थिति काफी अच्छी है। इस समय नमी आती है तो वह गेहूं की फसल के लिए काफी लाभदायक होती है। दूसरा धूल कण जो हवा के साथ उड़ते रहते हैं तो वे गेहूं की पत्तियों पर जम जाते हैं, बारिश की बूंदों से धुल गए। उन्होंने कहा कि गेहूं को ठंड पसंद हैं, जितनी ठंड पड़ेगी, गेहूं की फसल उतनी ही अच्छी होगी। उन्होंने दावा किया कि बारिश से गेहूं की फसल को बेहतरीन फायदा होगा।
सरकार ने किया 115 मिलियन टन का लक्ष्य निर्धारित : डॉ. तिवारी
निदेशक डॉ. तिवारी ने बताया कि अब तक देश में 293 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बिजाई हो चुकी है जबकि पिछले साल इन दिनों तक 284 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बिजाई हुई थी। अब तक 9 लाख हेक्टेयर एरिया में गेहूं की बिजाई ज्यादा हो चुकी है। मौसम ठीक रहा तो इस साल गेहूं का रकबा बढ़ने की ज्यादा संभावना है, इससे सरकार ने इस साल 115 मिलियन टन गेहूं की पैदावार का लक्ष्य निर्धारित किया है जबकि पिछले साल ये 113.2 मिलियन टन था।
ठंड ज्यादा, मौसम चमकदार तो फसल के लिए काफी अच्छा
निदेशक डॉ. तिवारी ने कहा कि तापमान कम रहे, लेकिन मौसम साफ चमकदार रहे तो ये गेहूं की फसल के लिए अच्छा रहता है। उन्होंने कहा कि पछेती गेहूं की फसल के लिए अभी कुछ फायदा नजर नहीं आ रहा है। जिन किसानों ने गेहूं की बिजाई के लिए खेत तैयार कर रखे थे, बिजाई कुछ दिनों के लिए टल जाए। निदेशक ने बताया कि संस्थान की ओर से किसानों को हर 15 दिनों के अंतराल पर गाइडलाइन जारी की जाती हैं, किसान भाई संस्थान द्वारा जारी की जाने वाली गाइडलाइन पर अमल करें। उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि कृषि मंत्री ने संस्थान का दौरा किया था। मंत्री साहब संस्थान के कार्यों से काफी प्रभावित थे।