बाबा मस्तनाथ मठ में उमड़े श्रद्धालु, बालक नाथ योगी ने आरती से मेले की शुरुआत
हरीश भारद्वाज/हप्र
रोहतक, 6 मार्च
सिद्ध शिरोमणि बाबा मस्तनाथ जी की पुण्य स्मृति में अस्थल बोहर स्थित बाबा मस्तनाथ मठ में आयोजित 3 दिवसीय वार्षिक मेले का बृहस्पतिवार को भव्य शुभारंभ हुआ। देशभर से हजारों श्रद्धालु, संत-महंत, गणमान्य व्यक्ति व प्रशासनिक अधिकारी मठ में पहुंचे। कार्यक्रम में नागा साधुओं ने भी भाग लिया। श्रद्धालुओं ने बालक नाथ योगी को नमन करते हुए आशीर्वाद प्राप्त किया।
शाम 7 बजे भव्य भजन संध्या में श्रद्धालु भक्ति रस में डूबे नजर आए। भजन संध्या में रोहतक के डीसी धीरेंद्र खड़गटा ने विशेष रूप से शिरकत की। भजन संध्या न केवल आध्यात्मिक उत्साह से भरपूर थी, बल्कि इसमें प्रशासनिक और राजनीतिक जगत की हस्तियों की उपस्थिति ने भी आयोजन को और विशेष बना दिया। संतों, समाजसेवियों और श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। भजन संध्या में गूंजते भजनों व मंत्रों ने श्रद्धालुओं के उत्साह को और बढ़ा दिया। मेले का शुभारंभ सुबह 4 बजे मठ के प्रमुख संतों और श्रद्धालुओं ने बाबा मस्तनाथ जी के समाधि स्थल पर पूजा करके किया। श्रद्धालुओं ने गगनभेदी जय बाबा मस्तनाथ के जयकारों के साथ अपनी भक्ति भावना प्रकट की। इसके पश्चात मठ के गद्दीनशीन महंत बालक नाथ योगी ने विधिवत आरती संपन्न कर मेले की शुरुआत की। महंत बालक नाथ योगी ने सर्वप्रथम गौशाला में जाकर गौसेवा की और उपस्थित श्रद्धालुओं को गौमाता की महिमा से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि गाय की सेवा सबसे बड़ा पुण्य कार्य है, क्योंकि ये समस्त देवताओं का वास स्थल है। ये 3 दिवसीय भव्य मेला 8 मार्च तक जारी रहेगा, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
8 मार्च तक चलेगा मेला
नाथ संप्रदाय के संत-महंतों द्वारा प्रवचन सत्र आयोजित किया गया, जिसमें बाबा मस्तनाथ जी के जीवन, उनके सिद्धांतों और आध्यात्मिक योगदान पर प्रकाश डाला गया। संतों ने बताया कि बाबा मस्तनाथ जी एक महान योगी और सिद्ध पुरुष थे, जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन मानव सेवा, भक्ति और अध्यात्म को समर्पित किया। सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का तांता लगा था। लम्बी कतारों में खड़े भक्त बाबा मस्तनाथ जी के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उत्सुक नजर आए। श्रद्धालुओं ने उनकी प्रतिमा के समक्ष सिर झुकाकर सुख-समृद्धि की कामना की। भक्तों ने गौमाता को चारा खिलाकर पुण्य अर्जित किया। मठ परिसर में लगे विशाल भंडारे में श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।