बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक में सरकार 56 करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट कर चुकी मंजूर
दिनेश भारद्वाज/हप्र
चंडीगढ़, 7 अप्रैल
हरियाणा के लोगों के घरों व खेतों को यमुना नदी के प्रकोप से बचाने के लिए सरकार ने विशेष कार्ययोजना बनाई है। यमुनानगर से लेकर पलवल तक 22 जगहों पर यमुना तक स्टड बनाकर तटबंधों को मजबूत किया जाएगा। सिंचाई विभाग द्वारा इस योजना पर काम किया जा रहा है। नायब सरकार ने बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक में तटबंधों को मजबूत करने केलिए 56 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के कार्यों को मंजूरी दी जा चुकी है।
बारिश के दिनों में हर साल यमुना में पानी का बहाव बढ़ने के बाद इसके साथ लगते गांवों की हजारों एकड़ भूमि में पानी जमा हो जाता है। कई बार गांवों में पानी घुसने की वजह से लोगों के घरों तक को भी नुकसान पहुंचता है। जुलाई-2023 में अत्याधिक बारिश के कारण बाढ़ का सामना यमुना के साथ बसे गांवों के लोग कर चुके हैं। 2023 में पानी का बहाव इतना अधिक था कि राज्य सरकार को पहली बार 12 जिलों को बाढ़ ग्रस्त घोषित करना पड़ा था।
समालखा से भाजपा विधायक मनमोहन भड़ाना ने विधानसभा के बजट सत्र में अतारांकित सवाल के जरिये यह मामला उठाया। सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने लिखित जवाब में बताया गया कि बाढ़ बचाव कार्यों के तहत सिंचाई विभाग द्वारा यमुना के तटबंधों को मजबूत बनाने के लिए 56 करोड़ 19 लाख रुपये से अधिक लागत वाली योजनाओं पर काम किया जा रहा है। विभाग ने मानसून सीजन शुरू होने से पहले अधिकांश प्रोजेक्ट पूरे करने का लक्ष्य रखा है।
समालखा में 6 तटबंध होंगे मजबूत
पानीपत जिला के समालखा में यमुना नदी के छह तटबंधों को मजबूत किया जाएगा। बिलासपुर में 2 करोड़, खोजीपुर में डेढ़ करोड़, मिर्जापुर व नणहेड़ा में एक-एक करोड़ तथा तमाशाबाद व राणा माजरा में डेढ़-डेढ़ करोड़ की लागत से स्टड बनाए जाएंगे ताकि तटबंध मजबूत हो सकें। इसी तरह राई में पांच जगहों पर तथा गन्नौर में एक जगह – बेगा कॉम्पलेक्स पर स्टड बनाया जा रहा है।