बांग्लादेश की कोर्ट ने चिन्मय कृष्ण दास को नहीं दी जमानत
ढाका, 2 जनवरी (एजेंसी)
बांग्लादेश की एक अदालत ने हिंदू संत और इस्कॉन से जुड़े रहे चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया। संत की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उनकी ओर से 11 वकीलों का एक समूह मौजूद था। चिन्मय कृष्ण दास डिजिटल तौर पर अदालत की कार्यवाही में शामिल हुए।
अदालत के एक अधिकारी ने कहा, 'सुनवाई करीब 30 मिनट चली।' दास पहले इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) से जुड़े थे और अब बांग्लादेश सम्मिलिता सनातनी जागरण जोत संगठन के प्रवक्ता हैं। उन्हें 25 नवंबर को ढाका हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। उन्हें चटगांव लाया गया जहां अदालत ने अगले दिन उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए जेल भेज दिया। दास को बांग्लादेश के झंडे का कथित रूप से ‘अपमान' करने के लिए राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बचाव पक्ष के वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने पत्रकारों से कहा, 'राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप निराधार है क्योंकि वह राष्ट्रीय ध्वज नहीं था। हमने अदालत से कहा कि यह मामला सुनवाई योग्य नहीं है।' दूसरी ओर सरकारी वकील मोफीजुल हक भुइयां ने कहा, 'हमने सुनवाई के दौरान जमानत का विरोध किया और अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी है।'